Home » संजय झील वन में भीषण आग: 17 घंटे की मशक्कत के बाद पाया गया काबू…

संजय झील वन में भीषण आग: 17 घंटे की मशक्कत के बाद पाया गया काबू…

by Neha Verma
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

नई दिल्ली: पूर्वी दिल्ली के पांडव नगर थाना क्षेत्र स्थित संजय झील वन में रविवार शाम 6 अप्रैल को आग लग गई। करीब 17 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद सोमवार सुबह आग पर काबू पाया गया, हालांकि देर शाम तक इसे पूरी तरह बुझाने का काम जारी रहा।

शाम 5 बजे लगी थी आग

जानकारी के अनुसार, आग रविवार शाम करीब 5 बजे शुरू हुई। यह आग उन पत्तियों और पेड़-पौधों के ढेर में लगी थी जिन्हें खाद बनाने के लिए जमा किया गया था। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप ले लिया और पूरे वन क्षेत्र में फैल गई।

दमकल विभाग की त्वरित कार्रवाई

आग की सूचना मिलते ही फायर कंट्रोल रूम से करीब छह दमकल गाड़ियां मौके पर भेजी गईं। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए बाद में आठ से नौ गाड़ियों और 20 से अधिक दमकलकर्मियों को आग बुझाने के कार्य में लगाया गया। आग को नियंत्रित करने के लिए दमकल विभाग ने प्राथमिकता के आधार पर उसे आसपास के क्षेत्रों में फैलने से रोका, जिसमें वे सफल रहे।

स्थानीय गार्ड ने दी थी सूचना

सुरक्षा गार्ड के सुपरवाइजर ने बताया कि सबसे पहले एक गार्ड ने आग देखी और तत्काल दमकल विभाग को सूचित किया। इसके बाद कुछ ही मिनटों में फायर ब्रिगेड की टीमें मौके पर पहुंच गईं और राहत कार्य शुरू किया।

कोई जनहानि नहीं, जांच जारी

अब तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। हालांकि, आग के कारणों का पता नहीं चल सका है और पुलिस व दमकल विभाग इसकी जांच कर रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि आग कचरे के ढेर में लगी थी, जिससे धुआं उठकर पूरे क्षेत्र में फैल गया।

दिल्ली के ‘हरे फेफड़े’ को नुकसान

संजय झील वन, जिसे दिल्ली के ‘हरे फेफड़े’ के रूप में जाना जाता है, लगभग 783 एकड़ में फैला एक घना वन क्षेत्र है। यहां बबूल, नीम, पीपल और अर्जुन जैसे देशी पेड़-पौधे पाए जाते हैं। साथ ही यह क्षेत्र 150 से अधिक पक्षी प्रजातियों, नीलगाय, सियार, खरगोश, सांप और 70 से अधिक तितली प्रजातियों का घर है।

6 अप्रैल को लगी आग ने छोटे पेड़-पौधों के साथ-साथ पक्षियों के घोंसलों और छोटे जीवों को भी नुकसान पहुंचाया है। हालांकि, बड़े जानवरों के हताहत होने की खबर नहीं है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इस आग से प्रभावित पारिस्थितिकी तंत्र को पुनः सामान्य होने में काफी समय लग सकता है।

सोशल मीडिया पर चर्चा तेज

इस घटना को लेकर स्थानीय लोग और पर्यावरण प्रेमी सोशल मीडिया पर चिंता जता रहे हैं। वे वन क्षेत्र की सुरक्षा को लेकर सवाल उठा रहे हैं। फिलहाल, पुलिस और दमकल विभाग की ओर से विस्तृत बयान का इंतजार किया जा रहा है।

बड़ा हादसा टला

दमकल विभाग की त्वरित और प्रभावी कार्रवाई से एक बड़े हादसे को टाल दिया गया है। हालांकि, यह घटना एक बार फिर पर्यावरणीय सुरक्षा उपायों पर गंभीर मंथन की आवश्यकता को उजागर करती है।

Related Articles