सेंट्रल डेस्क। 22 अप्रैल 2025 को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या के मास्टरमाइंड के रूप में शेख सज्जाद गुल की पहचान हुई है। वह पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और उसकी स्थानीय शाखा The Resistance Front (TRF) से जुड़े एक प्रमुख आतंकवादी हैं।
शेख सज्जाद गुल का शैक्षिक और पेशेवर जीवन
शेख सज्जाद गुल का जन्म 10 अक्टूबर 1974 को श्रीनगर के नवा बाजार क्षेत्र में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा श्रीनगर के नेशनल स्कूल से प्राप्त की और बाद में श्री प्रताप कॉलेज से स्नातक की डिग्री प्राप्त की। 1999 में, उन्होंने बेंगलुरु के एशिया पैसिफिक इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट से एमबीए की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद, उन्होंने केरल में एक लैब तकनीशियन कोर्स भी किया। श्रीनगर लौटने के बाद, उन्होंने एक डायग्नोस्टिक लैब खोली, जिसका कथित रूप से आतंकवादी नेटवर्कों को लॉजिस्टिक समर्थन प्रदान करने के लिए उपयोग किया गया।
आतंकवाद में संलिप्तता और TRF की स्थापना
गुल की आतंकवाद में संलिप्तता 2002 से शुरू हुई, जब उन्हें दिल्ली रेलवे स्टेशन से 5 किलोग्राम RDX के साथ गिरफ्तार किया गया था। उन्हें 2003 में 10 साल की सजा हुई और 2017 में वे पाकिस्तान चले गए। वहां, उन्हें पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI द्वारा TRF का प्रमुख नियुक्त किया गया। TRF को 2019 में लश्कर-ए-तैयबा द्वारा स्थापित किया गया था, ताकि कश्मीर में स्थानीय रूप से सक्रिय दिखने वाले आतंकवादी समूह के रूप में अपनी गतिविधियों को अंजाम दिया जा सके।
पहल्गाम हमले में भूमिका और NIA की कार्रवाई
22 अप्रैल 2025 को पहलगाम के बैसारन घाटी में हुए हमले में 26 नागरिकों की हत्या की गई। हमलावरों ने पर्यटकों से उनकी धर्म पूछकर हिंदू और ईसाई नागरिकों को निशाना बनाया। हमले के बाद, TRF ने जिम्मेदारी ली, लेकिन चार दिन बाद उसने अपने बयान को वापस ले लिया। भारतीय खुफिया एजेंसियों के अनुसार, हमले से संबंधित संचार शेख सज्जाद गुल से जुड़े पाए गए हैं, जिससे उनकी केंद्रीय भूमिका की पुष्टि होती है।
भारत सरकार ने 5 जनवरी 2023 को TRF को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत प्रतिबंधित कर दिया और शेख सज्जाद गुल को आतंकवादी घोषित किया। राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने उनके सिर पर ₹10 लाख का इनाम घोषित किया है।
परिवार और अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन
शेख सज्जाद गुल के परिवार के सदस्य भी आतंकवादी गतिविधियों में शामिल रहे हैं। उनके भाई, जो पहले श्रीनगर के श्री महाराजा हरि सिंह अस्पताल में डॉक्टर थे, 1990 के दशक में एक आतंकवादी बने। पाकिस्तान भागने के बाद, वह अब खाड़ी देशों में आतंकवादी वित्तपोषण में संलिप्त हैं।
शेख सज्जाद गुल की कर्नाटक और केरल से जुड़ी पृष्ठभूमि और उनके द्वारा स्थापित की गई TRF जैसे आतंकवादी समूहों की गतिविधियां भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक गंभीर चुनौती प्रस्तुत करती हैं। उनकी गिरफ्तारी और TRF के खिलाफ कार्रवाई से कश्मीर में आतंकवाद की समस्या पर काबू पाया जा सकता है।