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Mayawati : मायावती का सख्त संदेश: नाते-रिश्ते से ऊपर है पार्टी का हित, उत्तराधिकारी वही जो पार्टी के लिए काम करे

मायावती कहती हैं कि किसी भी व्यक्ति को तब ही पार्टी का उत्तराधिकारी माना जाएगा, जब वह कांशीराम की तरह पार्टी के हित में काम करेगा और हर दुख-तकलीफ उठाकर उसे आगे बढ़ाने में अपने प्रयासों को जारी रखेगा।

by Rakesh Pandey
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लखनऊ: बीएसपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने हाल ही में अपने करीबी नेता और समधी डॉ. अशोक सिद्धार्थ पर की गई कार्रवाई को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के जरिए अपना पक्ष रखा। इस पोस्ट में मायावती ने स्पष्ट रूप से कहा कि उनके लिए पार्टी का हित सबसे महत्वपूर्ण है, न कि नाते-रिश्ते। वह यह संदेश देना चाहती थीं कि जिन नेताओं ने पार्टी और बहुजन समाज के लिए काम किया है, वही पार्टी के वास्तविक उत्तराधिकारी हो सकते हैं।

कांशीराम के पदचिन्हों पर चलने का संदेश

मायावती ने पार्टी संस्थापक कांशीराम के प्रति अपनी निष्ठा का जिक्र करते हुए बताया कि कांशीराम ने अपने जीवन के कई साल पार्टी के लिए समर्पित किए। इसी तरह, मायावती ने भी अपना जीवन पार्टी को समर्पित किया है। वह कहती हैं कि किसी भी व्यक्ति को तब ही पार्टी का उत्तराधिकारी माना जाएगा, जब वह कांशीराम की तरह पार्टी के हित में काम करेगा और हर दुख-तकलीफ उठाकर उसे आगे बढ़ाने में अपने प्रयासों को जारी रखेगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पार्टी के सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को पार्टी के अनुशासन और दायित्व के प्रति ईमानदारी से काम करना होगा।

भतीजे आकाश आनंद के लिए इशारा

मायावती का यह बयान उनके भतीजे आकाश आनंद के लिए था, जो बीएसपी के राष्ट्रीय संयोजक हैं। मायावती ने यह भी इशारा किया कि आकाश आनंद को पार्टी के लिए अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी और उनकी आलोचना करते हुए यह कहा कि पार्टी के हालिया चुनावी प्रदर्शन में आकाश के नेतृत्व में कुछ कमियां सामने आई हैं। मायावती ने अपने भतीजे की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए डॉ. अशोक सिद्धार्थ की तरह ही आकाश आनंद को भी पार्टी के हित में काम करने की सलाह दी। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी को नुकसान हो रहा है, क्योंकि आकाश वही कर रहे हैं, जो डॉ. सिद्धार्थ ने किया था।

डॉ. अशोक सिद्धार्थ की पार्टी से निकासी

मायावती ने अपने पोस्ट में डॉ. अशोक सिद्धार्थ पर कार्रवाई को लेकर भी अपना पक्ष स्पष्ट किया। डॉ. अशोक सिद्धार्थ, जो उनके भतीजे के ससुर हैं, को पार्टी से बाहर किया गया था। इसका कारण यह था कि पार्टी के चुनावी प्रदर्शन में उनके द्वारा किए गए प्रयासों का परिणाम संतोषजनक नहीं रहा। इसके अलावा, मायावती को यह भी नागवार गुजरा कि हाल ही में डॉ. सिद्धार्थ के बेटे की शादी में आकाश आनंद ने भाग लिया और इसका पार्टी के कामकाज से कोई संबंध नहीं था। मायावती का मानना था कि ऐसे समय में आकाश को पार्टी के हित में अधिक गंभीर होना चाहिए था।

रेलवे दुर्घटना पर मायावती की संवेदना

मायावती ने हाल ही में प्रयागराज महाकुंभ जाने के लिए नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ में हुई जनहानि पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने इसे रेलवे की गंभीर लापरवाही करार दिया और पीड़ितों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की। इसके साथ ही उन्होंने सरकार से दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की और पीड़ितों को उचित मुआवजा देने की बात कही।

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