दुमका : झारखंड की उपराजधानी दुमका में मयूराक्षी नदी पर बना 2340 मीटर लंबा पुल अब राज्य का सबसे लंबा पुल बन चुका है। यह पुल न केवल अपनी विशालता के लिए, बल्कि अपने खूबसूरत डिजाइन और प्राकृतिक दृश्यों के कारण भी चर्चा में है। यह अब पर्यटन का एक नया आकर्षण केंद्र बनकर उभरा है।
निर्माण का सफर : सालों की मेहनत से तैयार हुआ ऐतिहासिक पुल
इस मेगा प्रोजेक्ट की योजना कई वर्षों पहले तैयार की गई थी। इसका उद्देश्य दुमका और आसपास के क्षेत्रों को बेहतर संपर्क प्रदान करना था। पुल का निर्माण कार्य कई तकनीकी चुनौतियों से भरा रहा, जिसमें नदी के प्रवाह, मानसून के प्रभाव और स्थानीय जनसंख्या की मांगों को लेकर योजना में कई बार संशोधन किए गए।
पुल को मयूराक्षी नदी पर बनाया गया है, जिसे स्थानीय लोग मोर नदी के नाम से भी जानते हैं। निर्माण में आधुनिक इंजीनियरिंग तकनीकों का प्रयोग किया गया है, जिसमें पूर्व-निर्मित बीम तकनीक और डबल लेन ट्रैक का इस्तेमाल हुआ है।
विवादों से भी जुड़ा रहा इतिहास
हालांकि पुल का निर्माण एक सकारात्मक पहल के रूप में शुरू हुआ था, लेकिन इसके निर्माण के दौरान कुछ विवाद भी सामने आए।
• निर्माण कार्य की धीमी गति को लेकर स्थानीय लोगों में नाराजगी थी।
• ठेकेदार कंपनी पर लापरवाही और गुणवत्ता से समझौता करने के आरोप लगे थे।
• साथ ही कुछ भूमि अधिग्रहण मामलों में भी आपत्तियां दर्ज कराई गई थीं।
इन विवादों के बावजूद, प्रशासन ने परियोजना को गति दी और समयबद्ध ढंग से कार्य को पूरा किया गया।
उद्घाटन : मुख्यमंत्री ने किया था लोकार्पण, दुमका को दी बड़ी सौगात
इस ऐतिहासिक पुल का उद्घाटन झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा धूमधाम से किया गया। उद्घाटन समारोह में हजारों स्थानीय लोग, अधिकारी और जनप्रतिनिधि मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पुल झारखंड की विकास गाथा का प्रतीक है और यह क्षेत्रीय विकास को नई दिशा देगा।
विशेषताएं जो बनाती हैं इसे खास
• लंबाई : 2340 मीटर — झारखंड का सबसे लंबा पुल
• स्थान : मयूराक्षी नदी, दुमका
• डिजाइन : आधुनिक इंजीनियरिंग और आकर्षक आर्क डिजाइन
• वातावरण : पुल से दिखाई देता हरा-भरा प्राकृतिक दृश्य
• डबल लेन पुल – जिससे दोनों दिशाओं में भारी वाहनों की आवाजाही संभव है
• सुरक्षा : रिफ्लेक्टर, गार्ड रेल और सीसीटीवी निगरानी
कनेक्टिविटी : पुल से जुड़ेंगे कई जिले, बढ़ेगा आवागमन
यह पुल न केवल दुमका को सीधे जोड़ता है, बल्कि यह देवघर, जामताड़ा, पाकुड़ और साहेबगंज जैसे जिलों को भी बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करता है। इससे माल परिवहन, कृषि उत्पादों की आवाजाही और पर्यटन को भी गति मिलेगी। यह पुल Dumka को Ranchi, kolkata और आसपास के शहरों से जोड़ने में अहम भूमिका निभा रहा है।
इस पुल के शुरू होने से अब यात्रियों को लंबा चक्कर लगाकर आने की जरूरत नहीं होगी। साथ ही, व्यापारिक गतिविधियों में भी तेजी आने की उम्मीद है।
पर्यटन की नज़र से भी बेहद खास
मयूराक्षी नदी पर बना यह पुल अब दुमका के पर्यटन मानचित्र में शामिल हो गया है। पुल से गुजरते समय जो प्राकृतिक दृश्य दिखाई देते हैं, वो फोटोग्राफी और नेचर लवर्स के लिए किसी वरदान से कम नहीं। साथ ही यह नया सेल्फी प्वाइंट भी बन गया है।
यह सिर्फ पुल नहीं, झारखंड की नई पहचान है
दुमका का यह भव्य पुल झारखंड की विकास यात्रा में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है। यह पुल न केवल एक भौगोलिक दूरी को कम करता है, बल्कि सांस्कृतिक और आर्थिक रूप से भी लोगों को जोड़ने का काम करता है।
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