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Jharkhand News : एमजीएम अस्पताल में अव्यवस्था ने ली युवक की जान, इमरजेंसी वार्ड की शिफ्टिंग बनी मरीजों के लिए मुसीबत

by Anand Mishra
File photo of the deceased youth
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Jamshedpur (Jharkhand) : कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल, महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) अस्पताल इन दिनों अपने इमरजेंसी वार्ड को नए भवन में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया से गुजर रहा है। हालांकि, यह काम बिना किसी ठोस योजना और पर्याप्त व्यवस्था के किया जा रहा है, जिससे मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। नए और पुराने वार्ड में आधे-आधे उपकरण होने के कारण मरीजों का इलाज समय पर नहीं हो पा रहा है। इसी अव्यवस्था के चलते बुधवार देर रात एक युवक की जान चली गई।

सड़क हादसे में घायल युवक को नहीं मिली समय पर मदद

यह दुखद घटना सरायकेला खरसावां जिले के चौका थाना क्षेत्र के पालगाम मोड़ पर हुई। 21 वर्षीय नीलकमल सिंह और उसका दोस्त सत्यनारायण दास एक बाइक पर सवार होकर जा रहे थे, तभी एक तेज रफ्तार टिप-ट्रेलर ने उन्हें टक्कर मार दी और मौके से फरार हो गया। इस हादसे में नीलकमल गंभीर रूप से घायल हो गया। एम्बुलेंस को कॉल करने के बाद भी वह काफी देर से पहुंची और उसमें ऑक्सीजन की भी कोई व्यवस्था नहीं थी। मृतक के भाई का आरोप है कि यदि नीलकमल को समय पर ऑक्सीजन मिल जाती, तो शायद उसकी जान बचाई जा सकती थी।

एमजीएम अस्पताल में भी बदइंतजामी का शिकार

सत्यनारायण को घायल अवस्था में एमजीएम अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि आधे उपकरण नए भवन में हैं और आधे यहीं पुराने वार्ड में मौजूद हैं। परिजनों का आरोप है कि एमजीएम अस्पताल के पास अपनी एम्बुलेंस तक उपलब्ध नहीं थी और उनसे खुद ही एम्बुलेंस का इंतजाम करने को कहा गया। इस स्थिति से परिजन हक्के-बक्के रह गए। शुक्र रहा कि कुछ परिचितों ने निजी व्यवस्था करके घायल सत्यनारायण को दूसरे अस्पताल पहुंचाया। मृतक नीलकमल बलिदी का रहने वाला था। गुरुवार को पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। इस घटना ने एमजीएम अस्पताल की लचर व्यवस्था और मरीजों की दुर्दशा को एक बार फिर उजागर कर दिया है।

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