रांची : झारखंड में विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ ही राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। राज्य में चुनावी माहौल गर्म हो चुका है और ऐसे में राजनीतिक दलों के बीच तीखी बयानबाजी शुरू हो गयी है। जनता के सामने मुद्दों को रखते हुए सभी दल अपनी-अपनी रणनीतियों के साथ चुनावी मैदान में उतर रहे हैं। इसी क्रम में भाजपा और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी शुरू हो चुका है। इस क्रम में राज्य के मंत्री इरफान अंसारी ने भाजपा की ‘गोगो दीदी योजना’ पर कटाक्ष किया है। वहीं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए उठाए गए कदमों की सराहना की है।
गो एयर की तरह गोगो दीदी योजना में आयेगा आर्थिक संकट
मंत्री इरफान अंसारी ने भाजपा की ‘गोगो दीदी योजना’ की तुलना गो एयर की स्थिति से की और कहा कि जिस तरह गो एयर को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा, उसी तरह भाजपा की यह योजना भी सफल नहीं होगी। उन्होंने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा, “गोगो दीदी योजना भी जल्द ही विफल हो जाएगी।”
मंईयां सम्मान योजना की राशि बढ़ाये जाने की सराहना
इसके साथ ही, इरफान अंसारी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व की प्रशंसा की और उनकी ‘मंइयां सम्मान योजना’ के तहत दी जाने वाली राशि को 1000 रुपये से बढ़ाकर 2500 रुपये करने के फैसले को राज्य की महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि यह निर्णय महिलाओं के सम्मान और राज्य के विकास के प्रति मुख्यमंत्री की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
भाजपा के इशारे पर चुनाव आयोग पर जल्दबाजी का आरोप
इसके अलावा, इरफान अंसारी ने झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों की समय से पहले घोषणा को लेकर भी अपनी असहमति जताई। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने जल्दबाजी में चुनाव कराने का फैसला भाजपा के इशारे पर लिया है। मंत्री अंसारी ने कहा कि झारखंड विधानसभा का कार्यकाल अभी एक महीने शेष था, इसके बावजूद चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी गई। उनका मानना है कि इस निर्णय से राज्य की जनता को असुविधा होगी, विशेष रूप से छठ जैसे महत्वपूर्ण त्योहार के दौरान, जब आचार संहिता लागू होने के कारण कई योजनाओं और कार्यों पर रोक लग सकती है।
राज्य में विकास व जनहित के कार्य प्रभावित होने की संभावना जतायी
मंत्री अंसारी ने कहा कि आचार संहिता के कारण राज्य के विकास और जनता से जुड़े कार्य प्रभावित हो सकते हैं, जिसका असर त्योहारों के समय पर भी पड़ेगा। उन्होंने चुनाव आयोग से इस फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की और राज्य की जनता के हितों को प्राथमिकता देने की बात कही।
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