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BIHAR HOLDING TAX POLICY : बिहार में होल्डिंग TAX नीति में होगा बदलाव, बजट सत्र में नया कानून लाने की तैयारी

व्यवसायी वर्ग की ओर से लगातार आ रही आपत्तियों के बाद राज्य सरकार ने तय किया है कि वह 2023 की होल्डिंग टैक्स नीति पर पुनर्विचार करेगी और इसे व्यावहारिक बनाए जाने को लेकर नए सिरे से विचार करेगी।

by Rakesh Pandey
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पटना: बिहार सरकार ने आगामी बजट सत्र में होल्डिंग टैक्स नीति में बदलाव की योजना बनाई है। राज्य के नगर विकास एवं आवास मंत्री नितिन नबीन ने इस बात की जानकारी दी कि होल्डिंग टैक्स की पुरानी नीति की व्यावहारिकता की समीक्षा की जा रही है। इसे फिर से संशोधित किया जाएगा। मंत्री नबीन ने विभिन्न जिलों के चेंबर ऑफ कॉमर्स के प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक के बाद इस प्रस्ताव पर अपनी राय दी। बैठक में उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि 2023 में तत्कालीन मंत्री तेजस्वी यादव द्वारा पेश की गई होल्डिंग टैक्स नीति को कई व्यापारी वर्गों ने अव्यावहारिक बताया है।

पुरानी नीति पर पुनर्विचार

मंत्री नितिन नबीन ने स्पष्ट किया कि वर्तमान होल्डिंग टैक्स नीति से व्यवसायियों और शहरी निवासियों पर अत्यधिक बोझ पड़ रहा है। चेंबर ऑफ कॉमर्स के प्रतिनिधियों ने विभिन्न पहलुओं को उजागर करते हुए बताया कि होल्डिंग टैक्स में जिस तरह से वृद्धि की गई है, वह व्यावसायिक रूप से बहुत कठिनाइयां पैदा कर रही हैं। इसके बाद राज्य सरकार ने तय किया है कि वह 2023 की होल्डिंग टैक्स नीति पर पुनर्विचार करेगी और उन बढ़ोतरी को लेकर नए सिरे से विचार करेगी।

समानता का रखा जाएगा ध्यान

मंत्री ने यह भी कहा कि इस बदलाव के दौरान ध्यान रखा जाएगा कि पूरे बिहार में होल्डिंग टैक्स की प्रणाली समान रूप से लागू हो, ताकि किसी भी क्षेत्र में कोई असमानता न हो। इसके लिए चेंबर ऑफ कॉमर्स से भी सुझाव लिया गया है, ताकि सभी पक्षों का ध्यान रखा जा सके और यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह नीति व्यावहारिक बने।

होल्डिंग टैक्स का उद्देश्य और समस्या

मंत्री नितिन नबीन ने यह भी कहा कि होल्डिंग टैक्स का मुख्य उद्देश्य नगर निकायों के विकास में योगदान करना है, ताकि नागरिकों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें। हालांकि, उन्होंने यह स्वीकार किया कि यह टैक्स व्यवसायियों पर भारी पड़ सकता है, जो वर्तमान में बहुत अधिक बोझ महसूस कर रहे हैं। ऐसे में सरकार इस बात पर विचार कर रही है कि टैक्स प्रणाली को ऐसे रूप में ढाला जाए, जिससे यह व्यावसायिक समुदाय पर अत्यधिक दबाव न डाले और नगर निकायों के विकास का कार्य भी निर्बाध रूप से चलता रहे।

चेंबर ऑफ कॉमर्स की भूमिका

मंत्री नबीन ने चेंबर ऑफ कॉमर्स के प्रतिनिधियों की बैठक में यह भी बताया कि विभागीय सचिव और अपर सचिव को निर्देशित किया गया है कि वे विभिन्न व्यवसायियों से व्यक्तिगत रूप से मिलकर उनकी समस्याओं को समझें। इस तरह से एक ठोस और व्यवहारिक समाधान खोजने के लिए सभी पक्षों से बातचीत की जाएगी। उन्होंने बताया कि चेंबर ऑफ कॉमर्स ने 2023 में होल्डिंग टैक्स की बढ़ोतरी को लेकर संशोधन के सुझाव दिए थे, जिनका ध्यान रखा जाएगा।

शीघ्र लिया जाएगा फैसला, हितधारकों का रखा जाएगा ध्यान

नितिन नबीन ने यह भी कहा कि जल्द ही विभाग इस मुद्दे पर एक अंतिम निर्णय लेगा और फिर इसे सरकार से अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा। इस प्रक्रिया में सभी प्रमुख हितधारकों को शामिल किया जाएगा, ताकि उनकी समस्याओं का समाधान किया जा सके और यह सुनिश्चित किया जा सके कि होल्डिंग टैक्स नीति सभी के लिए समान रूप से व्यावहारिक हो। इस बदलाव की दिशा में बिहार सरकार की तत्परता यह दर्शाती है कि वह राज्य के व्यवसायी वर्ग और नागरिकों की भलाई के लिए एक संतुलित समाधान खोजने के प्रति प्रतिबद्ध है।

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