रांची: नागरिक सुरक्षा के तहत संभावित आपात स्थितियों से निपटने की तैयारी सुनिश्चित करने हेतु 7 मई को रांची के डोरंडा क्षेत्र में मॉक ड्रिल का आयोजन किया जा रहा है। यह अभ्यास गृह मंत्रालय भारत सरकार के निर्देशानुसार राष्ट्रव्यापी नागरिक सुरक्षा अभ्यास का हिस्सा है। इसके लिए रांची जिला प्रशासन द्वारा व्यापक तैयारियां की गई हैं। इस संबंध में मंगलवार को उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री और डीआईजी-सह-वरीय पुलिस अधीक्षक चंदन सिन्हा ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यह एक पूर्व-निर्धारित और नियंत्रित अभ्यास है, जिससे आम जनता को आपात स्थितियों में जागरूक और तैयार किया जा सके। उन्होंने बताया कि मॉक ड्रिल का आयोजन 7 मई को अपराह्न 4 बजे से 7 बजे तक किया जाएगा।
अभ्यास के दौरान सायरन बजने पर न घबराएं
ड्रिल के दौरान हवाई हमले की चेतावनी के रूप में सायरन बजाए जाएंगे, जिससे लोगों को सतर्कता बरतने और सुरक्षात्मक कदम उठाने का अभ्यास कराया जाएगा। उपायुक्त ने अपील की है कि लोग सायरन सुनते ही घबराएं नहीं और घरों के भीतर ही रहें। इस दौरान घर और वाहनों की सभी लाइटें बंद रखने को भी कहा गया है ताकि ब्लैकआउट अभ्यास सफल हो सके।
ट्रैफिक व्यवस्था में किया बदलाव
डोरंडा क्षेत्र में मॉक ड्रिल के दौरान यातायात प्रभावित हो सकता है। प्रशासन ने इसके लिए वैकल्पिक मार्गों की व्यवस्था की है और आम नागरिकों से अपील की है कि वह इन मार्गों का उपयोग करें और सहयोग बनाए रखें। इस अभ्यास का उद्देश्य नागरिकों और प्रशासन के बीच समन्वय बढ़ाना, आपदा प्रबंधन की क्षमता का परीक्षण करना और नागरिकों को आत्म-सुरक्षा के उपाय सिखाना है। इस दौरान स्थानीय प्रशासन द्वारा जीवित प्रदर्शन, निकासी अभ्यास, और ब्लैकआउट सत्र आयोजित किए जाएंगे।
नागरिकों के लिए जारी किया निर्देश
प्रशासन ने नागरिकों से कहा है कि वे अभ्यास के दौरान शांति बनाए रखें, अफवाहों से दूर रहें और किसी भी आपातकालीन स्थिति में सही प्रोटोकॉल का पालन करें। लोगों को एक “गो-बैग” तैयार रखने की भी सलाह दी गई है, जिसमें प्राथमिक उपचार किट, पीने का पानी, टॉर्च, दवाएं और महत्वपूर्ण दस्तावेज हों। इसके अलावा अभ्यास में स्कूलों और कार्यालयों को भी शामिल किया गया है। नागरिकों को स्वयंसेवक के रूप में स्थानीय नागरिक सुरक्षा इकाइयों में पंजीकरण करने के लिए भी प्रोत्साहित किया गया है, जिससे वे प्राथमिक चिकित्सा और आपात प्रतिक्रिया जैसे कार्यों में सहायता कर सकें।