- दिल्ली से आई केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग की टीम ने किया उद्घाटन
- कहा-राज्य के दूसरे जिलों में भी खुले इस तरह का केंद्र, लोगों को मिलेगा लाभ
- गर्भवती महिलाओं के लिए एएनसी सेंटर का भी हुआ उद्घाटन
जमशेदपुर : जच्चा-बच्चा को शत फीसद टीका देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके माध्यम से कई गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है। साथ ही, शिशु और मातृत्व मृत्युदर को भी कम किया जा सकता है। उक्त बातें दिल्ली केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग के टीम के सदस्य डा. लाल माझी ने कहीं। मौका था शुक्रवार को साकची जेल चौक स्थित माडल टीकाकरण केंद्र और एएनसी केंद्र के उद्घाटन का। इस मौके पर डा. लाल माझी ने कहा कि यह राज्य का अनोखा टीकाकरण केंद्र है, जहां पर बच्चों को खेलने से लेकर झूला झूलने और अभिभावकों को बैठने तक की व्यवस्था की गई है।
इस तरह का केंद्र दूसरे जगहों पर भी खुलना चाहिए, ताकि अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ मिल सके। वहीं, सिविल सर्जन डा. साहिर पाल और जिला आरसीएच पदाधिकारी डा. रंजीत पांडा ने कहा कि यह सेंटर हफ्ते में छ दिन सुबह 9 से दोपहर तीन बजे तक खुला रहेगा। इस दौरान कोई भी बच्चा आकर अपना टीका ले सकता है।
वहीं, गर्भवती महिलाओं का एंटी नेटल जांच भी किया जाएगा। इसका मुख्य उद्देश्य शिशु और मातृत्व मृत्यु दर को कम करना है। इस केंद्र के माध्यम से लगभग 10 लाख आबादी को इसका लाभ मिलेगा। यहां पर चिकित्सक से लेकर प्रशिक्षित नर्स व कर्मचारी मौजूद होंगे, जो बच्चों को टीका देने का काम करेंगे। यहां पर सभी तरह के टीका निशुल्क दिए जाएंगे। यहां तक की एंटी रैबीज का इंजेक्शन भी मिलेगा।
यह-यह टीका मिलेगा
- बीसीजी का टीका। यह जन्म के समय दिया जाता है। यह टीका टीवी संक्रमण सहित अन्य बीमारियों से बचाता है।
- ओरल पोलियो वैक्सीन। जन्म के समय बच्चों को दी जाने वाली पहली खुराक है। दूसरी खुराक 6 सप्ताह, तीसरा 10 सप्ताह और अंतिम 14 सप्ताह की उम्र में दी जाती है। यह पोलियो से बचाता है।
- जन्म के समय हेपेटाइटिस-बी का टीका भी दिया जाता है।
- पेंटावेलेंट टीका एक से छह सप्ताह की उम्र में पहली बार दी जाती है।
- रोटावायरस टीका का तीन डोज दिया जाता है।
- न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन की दो डोज लेनी होती है। यह निमोनिया सहित कई संक्रमण से बचाव करता है।
- खसरा और रुबेला से बचाव के लिए बच्चों को एमआर टीका दी जाती है।
- जापानी बुखार से बचाव के लिए बच्चों को टीका दी जाती है।
- डिप्थीरिया पर्टुसिस और टेटनस से बचाव के लिए बच्चों को दी जाती है।