Home » Latehar: अब बंदरों को चिप्स-कुरकुरे अधिक भा रहे हैं, जंगल छोड़ सड़क किनारे बैठ रहे जंगली जानवर

Latehar: अब बंदरों को चिप्स-कुरकुरे अधिक भा रहे हैं, जंगल छोड़ सड़क किनारे बैठ रहे जंगली जानवर

इससे बंदर, लंगूर जैसे शाकाहारी जीव तो प्रभावित हो ही रहे हैं, उनके पीछे घूमने वाले रीछ, गुलदार और तेंदुए जैसे मांसाहारी जानवर भी आबादी वाले इलाकों में आने लगते हैं, जिससे खतरा और बढ़ता है।

by Reeta Rai Sagar
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

सेंट्रल डेस्क : जानवरों के प्रति प्यार और नरमी रखना अच्छी बात है, लेकिन यह एक हद में ही होनी चाहिए। झारखंड के पहाड़ी और पठारी इलाकों में जंगली जानवरों की आदतें तेजी से बदल रही हैं और इसकी बड़ी वजह है इंसानों द्वारा खिलाए जा रहे चिप्स, कुरकुरे, मैगी जैसे जंक फूड। पलामू और लातेहार के बीच के जंगलों में अब बंदर जंगल में घूमने की बजाय सड़कों के किनारे बैठकर गुजरने वालों से उम्मीद लगाए रहते हैं।

सड़क किनारे बंदरों का कब्जा, जंगल छोड़ रहे हैं जानवर

पर्यटन स्थलों और जंगलों के पास आने-जाने वाले लोग जब बंदरों को स्नैक्स देते हैं, तो वे बार-बार उसी स्थान पर लौटने लगते हैं। इससे न केवल उनकी आदतें बिगड़ रही हैं, बल्कि वे अपने प्राकृतिक आवास यानी जंगलों से दूर होकर सड़कों के किनारे डेरा जमाने लगे हैं। यह बदलाव उनके लिए खतरनाक साबित हो रहा है।

जंक फूड से वन्यजीवों की सेहत पर असर

भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) के पूर्व वैज्ञानिक डॉ. वाई. एस. झाला के मुताबिक, इंसानों का खाना खासकर प्रोसेस्ड और जंक फूड जानवरों की पाचन क्रिया और संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए बेहद नुकसानदेह हैं। इससे बंदर, लंगूर जैसे शाकाहारी जीव तो प्रभावित हो ही रहे हैं, उनके पीछे घूमने वाले रीछ, गुलदार और तेंदुए जैसे मांसाहारी जानवर भी आबादी वाले इलाकों में आने लगते हैं, जिससे खतरा और बढ़ता है।

सड़क हादसों की भी बन रही वजह

सड़क किनारे बैठने वाले जानवर कई बार तेज रफ्तार वाहनों की चपेट में आ जाते हैं। इससे न केवल वाहन चालकों की जान को खतरा होता है, बल्कि वन्यजीवों की मौत भी हो जाती है। इस तरह की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं।

वाइल्डलाइफ एक्ट के तहत अपराध है जानवरों को खाना खिलाना

वन्यजीवों को खाना खिलाना वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट के तहत एक दंडनीय अपराध है। इसके बावजूद जागरूकता की कमी के चलते लोग ऐसा कर रहे हैं, जिससे वन्यजीवों का प्राकृतिक संतुलन बिगड़ता जा रहा है।

क्या करें, क्या न करें

• जंगली जानवरों को खाना न खिलाएं
• पर्यटन स्थलों पर खाने का कचरा इधर-उधर न फेंकें
• स्थानीय प्रशासन द्वारा लगाए गए चेतावनी बोर्डों का पालन करें
• वन विभाग से जुड़ी हेल्पलाइन पर ऐसे मामलों की सूचना दें

Related Articles