जमशेदपुर : मॉनसून के मौसम में जहां बारिश से थोड़ी राहत मिलती है, वहीं डेंगू और चिकनगुनिया जैसी मच्छरजनित बीमारियों का खतरा तेजी से बढ़ जाता है। झारखंड स्वास्थ्य विभाग की ओर से लोगों से अपील की गई है कि वे साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें और कहीं भी पानी न जमने दें।
डेंगू और चिकनगुनिया दोनों बीमारियां संक्रमित मादा एडिज मच्छर के काटने से होती हैं। यह मच्छर दिन में काटता है और साफ पानी में पनपता है। ऐसे में साफ-सफाई और व्यक्तिगत सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव है।
डेंगू के लक्षण
- बदन, सिर, आंखों के पीछे और जोड़ों में तेज दर्द
- त्वचा पर लाल चकत्ते
- नाक, मसूढ़ों या उल्टी से खून आना
- काले रंग का दस्त आना (गंभीर स्थिति का संकेत)
चिकनगुनिया के लक्षण
- अचानक तेज बुखार
- शरीर के जोड़ों में असहनीय दर्द
- शरीर पर चकत्ते आ सकते हैं, पर जरूरी नहीं
कैसे करें बचाव?
- दिन में भी मच्छरदानी का उपयोग करें
- मच्छर भगाने वाली क्रीम या दवा का दिन में भी प्रयोग करें
- कूलर, टूटे बर्तन, टायर, गमले और फूलदान के पानी को हर दो दिन में बदलें
- आसपास की जगहों को साफ रखें और कीटनाशक का छिड़काव करें
- जहां पानी जमा हो, वहां मिट्टी का तेल डालें
क्या न करें?
हर बुखार डेंगू या चिकनगुनिया नहीं होता, पर लक्षण दिखने पर देर न करें। मरीज को नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, अनुमंडल अस्पताल घाटशिला, सदर अस्पताल या एमजीएम मेडिकल कॉलेज व अस्पताल ले जाएं। यहां पर जांच और इलाज पूरी तरह निःशुल्क है। तेज बुखार की स्थिति में एस्प्रिन या ब्रूफेन न दें, क्योंकि इससे स्थिति बिगड़ सकती है। पैरासिटामोल ही सुरक्षित दवा है।
समय पर इलाज कराकर डेंगू और चिकनगुनिया दोनों से पूरी तरह स्वस्थ हुआ जा सकता है। किसी भी स्वास्थ्य सलाह के लिए हेल्पलाइन नंबर 104 पर संपर्क करें।