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Parliament monsoon session : लाल गलियारे अब हरित क्षेत्र का रूप ले रहे हैं : पीएम मोदी

'विजयोत्सव' की तरह शुरू हुआ संसद का मानसून सत्र, प्रधानमंत्री ने कहा-हिंसा पर हो रही है संविधान की जीत

by Anand Mishra
PM narendra Modi
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New Delhi : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को संसद के मानसून सत्र की शुरुआत से पहले सरकार का दृष्टिकोण स्पष्ट करते हुए इसे देश के लिए ‘‘विजयोत्सव’’ जैसा बताया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सभी सांसद इस भावना को एकजुट होकर व्यक्त करेंगे। सत्र के आरंभ से पूर्व संसद परिसर में मीडिया को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने विभिन्न क्षेत्रों में भारत की महत्वपूर्ण उपलब्धियों का उल्लेख किया और कहा कि ‘‘बम और बंदूक पर संविधान की जीत हो रही है।’’ उन्होंने विशेष रूप से नक्सलवाद में तेजी से आ रही कमी और ‘रेड जोन’ के धीरे-धीरे ‘हरित विकास क्षेत्र’ में परिवर्तित होने का जिक्र किया। संसद का यह मानसून सत्र आज (21 जुलाई) से शुरू होकर 21 अगस्त तक चलेगा, जिसमें कुल 21 बैठकें प्रस्तावित हैं।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ सशस्त्र बलों की सफलता: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘यह मानसून सत्र देश के लिए अत्यंत गर्व का सत्र है। यह ‘विजयोत्सव’ की तरह है। हमारे भारतीय सशस्त्र बलों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत शत-प्रतिशत लक्ष्यों को सफलतापूर्वक प्राप्त किया है। पूरी दुनिया ने हमारे सशस्त्र बलों की ताकत और क्षमता को देखा है।’’ उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत के पक्ष को विभिन्न देशों में मजबूती से रखने गए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने ‘आतंकवाद के आका’ पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेनकाब किया है।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मैं इन सभी सांसदों और विभिन्न राजनीतिक दलों की राष्ट्रहित में किए गए इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए हृदय से सराहना करता हूं।’’ उन्होंने यह भी कहा कि भले ही सभी दलों के अपने-अपने राजनीतिक एजेंडे हों और दलगत हितों में मतभेद हो सकते हैं, लेकिन देश के हित में सभी का मन एक है।

प्रधानमंत्री ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता का उल्लेख करते हुए कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों ने मात्र 22 मिनट में आतंकवादियों को मार गिराया और उनके ठिकानों को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया। उन्होंने बिहार में दिए अपने पूर्व के बयान का स्मरण करते हुए कहा कि बहुत कम समय में ही भारत की सैन्य शक्ति का प्रदर्शन हुआ है और ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत देश में निर्मित सैन्य क्षमताओं की ओर पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित हुआ है। उन्होंने उम्मीद जताई कि मानसून सत्र के दौरान सभी सांसद एकजुटता और विजय की भावना के साथ भारत की सैन्य शक्ति, जन-प्रेरणा और ‘मेड इन इंडिया’ रक्षा क्षमताओं को मजबूती प्रदान करने वाले इस भाव को पुरजोर तरीके से रखेंगे।

पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र, नक्सलवाद पर निर्णायक कार्रवाई

प्रधानमंत्री मोदी ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि इस घटना ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया और आतंकवाद तथा उसके केंद्र की ओर वैश्विक ध्यान केंद्रित किया। जम्मू कश्मीर के पहलगाम की बैंसरन घाटी में हुए उस हमले में 26 निर्दोष लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। प्रधानमंत्री ने माओवाद और नक्सलवाद के खिलाफ अपनी सरकार द्वारा की गई निर्णायक कार्रवाई का उल्लेख करते हुए कहा कि अब ‘‘लाल गलियारे हरित विकास क्षेत्रों में बदल रहे हैं।

’’ उन्होंने कहा, ‘‘देश में लंबे समय से नक्सलवाद एक बड़ी समस्या रही, लेकिन आज नक्सलवाद और माओवाद तेजी से सिकुड़ रहा है। कल तक जो क्षेत्र ‘रेड कॉरिडोर’ के नाम से जाने जाते थे, वे आज ‘ग्रीन, ग्रोथ जोन’ में परिवर्तित हो रहे हैं। हमारे सुरक्षा बल नक्सलवाद के पूर्ण उन्मूलन के लक्ष्य के साथ नए उत्साह से आगे बढ़ रहे हैं।’’ प्रधानमंत्री मोदी ने गर्व के साथ कहा कि देश के कई जिले अब नक्सलवाद के प्रभाव से पूरी तरह मुक्त हो चुके हैं और आजादी की सांस ले रहे हैं। उन्होंने दृढ़ता से कहा कि हमारा संविधान जीत रहा है।

आर्थिक प्रगति और वैश्विक उपलब्धियां

प्रधानमंत्री ने पिछले 11 वर्षों में देश की अर्थव्यवस्था में हुए अभूतपूर्व बदलाव का उल्लेख करते हुए कहा कि जब उनकी सरकार ने सत्ता संभाली थी, तब भारत दुनिया की कमजोर पांच अर्थव्यवस्थाओं में शामिल था, लेकिन आज देश तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत आज दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। एक समय था जब देश में महंगाई दर दोहरे अंकों में थी, लेकिन आज यह घटकर दो प्रतिशत के आसपास आ गई है, जिससे आम आदमी को काफी राहत मिली है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि इस वर्ष अच्छी बारिश होने से अर्थव्यवस्था को और मजबूती मिलेगी।

उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में देश ने शांति और प्रगति के साथ-साथ कम मुद्रास्फीति और उच्च विकास दर का अनुभव किया है। उन्होंने यह भी बताया कि देश के जलाशयों का जल स्तर पिछले दस वर्षों की तुलना में तीन गुना बढ़ गया है, जो निश्चित रूप से अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक संकेत है। प्रधानमंत्री ने भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला के ऐतिहासिक अंतरिक्ष अभियान का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘पहली बार भारत का तिरंगा अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर शान से लहराया, यह देश के हर नागरिक के लिए गर्व का क्षण है। प्रगति के पथ पर अग्रसर हमारे देश में विज्ञान के प्रति एक अभूतपूर्व उमंग और उत्साह का संचार हुआ है।’’ उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदन एक स्वर में इस महत्वपूर्ण उपलब्धि की सराहना करेंगे।

गरीबी में कमी और सामाजिक सुरक्षा का विस्तार

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले एक दशक में देश में शांति और विकास एक साथ आगे बढ़े हैं। उन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के दस वर्षों के शासन के बाद सत्ता संभाली थी। उन्होंने कहा कि पिछले दस वर्षों में 25 करोड़ से अधिक लोग गरीबी रेखा से बाहर आए हैं, जिसे वैश्विक संस्थानों ने भी व्यापक रूप से स्वीकार किया है। उन्होंने ‘डिजिटल इंडिया’ और ‘यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस’ (UPI) जैसी महत्वपूर्ण पहलों को देश की बढ़ती हुई क्षमताओं का प्रतीक बताया और कहा कि इनके डिजिटल इकोसिस्टम में वैश्विक स्तर पर रुचि तेजी से बढ़ रही है। प्रधानमंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) की हालिया रिपोर्ट की भी सराहना की, जिसमें कहा गया है कि अब 90 करोड़ से अधिक भारतीय सामाजिक सुरक्षा के दायरे में आ चुके हैं, जो सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा भारत को एक प्रकार के नेत्र रोग ‘ट्रेकोमा’ से मुक्त घोषित किए जाने को भी सार्वजनिक स्वास्थ्य के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया।

नागरिकों के हित में महत्वपूर्ण विधेयक होंगे पारित

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की विकास यात्रा और प्रगति को गति देने वाले तथा नागरिकों के हितों से जुड़े अनेक महत्वपूर्ण विधेयक इस मानसून सत्र में चर्चा के लिए प्रस्तुत किए जाएंगे और उन्हें पारित किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘देश ने एकता की शक्ति देखी है और यह भी अनुभव किया है कि एक स्वर का सामर्थ्य क्या होता है। संसद में भी यही एकजुटता और समान भावना नजर आनी चाहिए।’’

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