रांची : आपके एक ऑर्गन (अंग) से किसी को नया जीवन मिल सकता है। कोई आपकी आंखों से दुनिया देख सकता है। इसे लेकर युवाओं में क्रेज देखा जा रहा है। इसे लेकर अभियान भी चलाए जा रहे हैं। इन सबके बावजूद ऑर्गन डोनेशन का आंकड़ा झारखंड में तेजी से नहीं बढ़ पा रहा है। डोनेशन के लिए फॉर्म भरने वालों की संख्या भी बहुत कम है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि ऑर्गन डोनेशन करने वाले राज्यों में झारखंड देश में 18वें नंबर पर है, जबकि हमारा पड़ोसी राज्य बिहार, झारखंड से दो पायदान ऊपर है। सबसे ऊपर ओडिशा है, जहां 6025 लोगों ने ऑर्गन डोनेशन की इच्छा जताई है।
तीन साल पहले हुई थी सोटो की स्थापना
राज्य के सबसे बड़े हॉस्पिटल रिम्स में स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (सोटो) की स्थापना तीन साल पहले हुई थी। इसका उद्देश्य लोगों को ऑर्गन डोनेशन के लिए जागरूक करना है। सोटो इसे लेकर लगातार अभियान भी चलाता है। वहीं हॉस्पिटल के इनडोर में जाकर मरीजों के परिजनों को भी जागरूक किया जाता है, ताकि वे अंगदान के लिए आगे आएं।
कौन कर सकता है अंगदान
मृत्यु के बाद अंगदान करने का निर्णय किसी भी व्यक्ति द्वारा लिया जा सकता है। इसके लिए कोई आयु सीमा नहीं है। हालांकि विशेष परिस्थियों में व्यक्ति के अस्पताल में निधन के बाद ही ऑर्गन ट्रांसप्लांट कर दिया जाता है।
ऑर्गन और टिश्यू की पात्रता का निर्णय विशेषज्ञों द्वारा किया जाता है। जो ये तय करते हैं कि अंगदान के लिए उपयुक्त हैं या नहीं।
रांची और पूर्वी सिंहभूम में लोग जागरूक
अंगदान करने वालों में रांची और पूर्वी सिंहभूम में ज्यादा लोग जागरूक हैं। रांची में अब तक 300 लोगों ने ऑर्गन डोनेशन में इंटरेस्ट दिखाया है, जबकि पूर्वी सिंहभूम में 210 लोगों ने इच्छा जताई है। इसके अलावा तीसरे नंबर पर 170 डोनर्स के साथ गुमला है। चौथे नंबर पर धनबाद है, जहां 119 लोग आर्गन डोनेट करना चाहते हैं। शेष जिलों में आंकड़ा 100 के पार भी नहीं पहुंचा है। 15 जिलों में अंगदान करने वालों का आंकड़ा 50 भी नहीं पहुंच पाया है।
किस जिले में कितने डोनर
रांची 300
पूर्वी सिंहभूम 210
गुमला 170
धनबाद 119
हज़ारीबाग 88
पश्चिमी सिंहभूम 74
बोकारो 69
लोहरदगा 69
पलामू 63
देवघर 44
गिरिडीह 41
सरायकेला-खरसावां 35
गोड्डा 34
कोडरमा 32
रामगढ़ 30
गढ़वा 28
खूंटी 26
चतरा 23
दुमका 23
लातेहार 23
सिमडेगा 22
जामताड़ा 10
पाकुड़ 10
साहेबगंज 9