रांची : राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने झामुमो और कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। रविवार को रांची में राजद के प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि झारखंड में झामुमो-कांग्रेस गठबंधन राजद के साथ अन्याय कर रहा है और सीट बंटवारे को लेकर एकतरफा फैसला लिया है। मनोज झा ने आरोप लगाया कि दोनों पार्टियां मिलकर राजद का “गला काटने” पर तुली हुई हैं। उन्होंने कहा कि झारखंड में राजद की 22 सीटों पर मजबूत पकड़ है, लेकिन झामुमो और कांग्रेस सिर्फ 7 सीटें देने के लिए तैयार हैं, जो बिल्कुल स्वीकार्य नहीं है। मनोज झा ने इस मुद्दे पर झामुमो और कांग्रेस को अल्टीमेटम दिया है कि अगर इस पर विचार नहीं किया गया तो सोमवार को राजद अपना फैसला घोषित करेगा।
इंडिया गठबंधन से राजद में नाराजगी, सीट बंटवारे पर निराशा
सांसद मनोज झा ने बताया कि झामुमो प्रमुख हेमंत सोरेन और बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बीच मुख्यमंत्री आवास में बैठक हुई, लेकिन कोई सकारात्मक नतीजा नहीं निकला। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले को लेकर पार्टी में निराशा है, लेकिन अभी भी उम्मीद पूरी तरह खत्म नहीं हुई है। राजद का कहना है कि भाजपा को हराने के लिए सही रणनीति जरूरी है और पार्टी इस बात पर ध्यान दे रही है कि किन सीटों पर उनकी जीत की संभावनाएं ज्यादा हैं।
मनोज झा ने बताया कि 2019 के विधानसभा चुनाव में राजद ने केवल 7 सीटों पर चुनाव लड़ा था, ताकि भाजपा को हराने के उद्देश्य को प्राथमिकता दी जा सके। लेकिन इस बार फिर से इसी प्रकार का दबाव बनाने की कोशिश हो रही है। शनिवार को दिनभर राजद की कई दौर की बैठकें हुईं, लेकिन नतीजा नहीं निकल पाया। देर रात तक मुख्यमंत्री आवास में बैठक जारी रही, लेकिन सौहार्दपूर्ण समाधान नहीं हो सका।
झामुमो ने राजद को 7 सीट देने की बात कही है, जबकि राजद का दावा है कि उनकी 22 सीटों पर मजबूत पकड़ है और वे इन सीटों पर जीतने के करीब हैं। पिछले चुनाव में राजद ने एक सीट जीती थी और पार्टी ने इस बार भी भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर चुनाव लड़ने की मंशा जताई है, लेकिन सीटों को लेकर गठबंधन में मतभेद बढ़ते जा रहे हैं।
राजद के लिए 7 सीटें स्वीकार्य नहीं
हेमंत सोरेन की घोषणा के अनुसार, झामुमो 43-45 सीटों पर और कांग्रेस 25-27 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। बाकी बची 11 सीटों में से 4 सीटें सीपीआई (माले) को दी जा रही हैं और 7 सीटें राजद को। लेकिन राजद इस प्रस्ताव से संतुष्ट नहीं है। पार्टी के नेता और कार्यकर्ता इसे अस्वीकार कर रहे हैं, क्योंकि राजद का कहना है कि उनकी 22 सीटों पर संगठन मजबूत है और वे इन सीटों पर अपनी जीत सुनिश्चित कर सकते हैं। शनिवार को तेजस्वी यादव के साथ राजद नेताओं की बैठकों का दौर चलता रहा, लेकिन सीट बंटवारे पर कोई ठोस नतीजा नहीं निकल पाया।