Jamshedpur : जमशेदपुर समेत पूरे झारखंड में जाति प्रमाण पत्र बनवाना आसान नहीं है। इस के लिए लोगों को खूब पापड़ बेलने पड़ते हैं। उन्हें काफी मशक्कत करनी पड़ती है। इसे लेकर मुखी समाज ने एक अजीब मांग कर दी है। मुखी समाज ने गुरुवार को जमशेदपुर पश्चिम के विधायक सरयू राय को एक ज्ञापन सौंपा और मांग की है कि अब जाति प्रमाण पत्र निर्गत करने के लिए पुरानी प्रणाली को लागू किया जाए।
जमशेदपुर में मुखी समाज झारखंड के प्रतिनिधियों ने जमशेदपुर पश्चिमी से विधायक सरयू राय को एक ज्ञापन सौंपकर जाति प्रमाण पत्र निर्गत की पुरानी प्रणाली को फिर से लागू करने की मांग की है। समाज के लोगों का कहना है कि पहले स्थानीय मुखिया और पदाधिकारी की अनुशंसा पर जाति प्रमाण पत्र जारी होता था, लेकिन अब नई व्यवस्था के तहत खतियान की अनिवार्यता ने समाज के हजारों लोगों को प्रमाण पत्र से वंचित कर दिया है।
ज्ञापन सौंपने वालों में समाज के अध्यक्ष मनोज मुखी के साथ सुरेश मुखी, राजू मुखी, नितिन मुखी, संदीप मुखी, देव मुखी, संजय कंसारी, पोरेस मुखी और अनिकेत मुखी शामिल थे। इनका कहना है कि वे झारखंड के मूल निवासी हैं और समाज की कई पीढ़ियां यहीं बीती हैं। बावजूद इसके, भूमिहीन होने के कारण उन्हें खतियान नहीं मिल पाता और जाति प्रमाण पत्र भी नहीं बन पा रहा है।
समाज का कहना है कि अधिकतर लोग मेहनत-मजदूरी पर आश्रित हैं और भूमिहीन हैं, इसलिए खतियान लाना उनके लिए संभव नहीं है। प्रमाण पत्र न मिलने से नई पीढ़ी शिक्षा, नौकरियों और अन्य सरकारी योजनाओं से वंचित हो रही है, जो उनके अधिकारों का सीधा हनन है।
मुखी समाज ने विधायक सरयू राय से आग्रह किया है कि वे प्रशासन से बात कर पुरानी व्यवस्था को फिर से बहाल करवाएं ताकि बिना खतियान के, स्थानीय अनुशंसा पर जाति प्रमाण पत्र निर्गत हो सके और समाज के लोग अपने अधिकारों से वंचित न रहें। यह मांग झारखंड के सामाजिक न्याय, पहचान और अधिकार से जुड़ा एक अहम मुद्दा बनती जा रही है, जिस पर शीघ्र निर्णय लिया जाना समाज के हित में होगा।