रांची : रांची नगर निगम की राजस्व शाखा होल्डिंग टैक्स की वसूली और ट्रेड लाइसेंस के लिए लगातार कड़ी कार्रवाई कर रही है। इसके तहत शनिवार को नगर निगम की राजस्व शाखा की टीम ने मेन रोड पर कई प्रतिष्ठान और भवनों की जांच की है। इस जांच में सेंट्रो माल में भारी गड़बड़ी देखने को मिली है। मापी के दौरान पाया गया कि मॉल द्वारा पहले 1,02,732 वर्ग फीट क्षेत्र का निर्धारण किया गया था, लेकिन टीम के द्वारा मापी के बाद क्षेत्रफल 1,98,427 वर्ग फीट पाया गया। इसके साथ ही मॉल की ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट की भी जांच की गई, जिसमें पाया गया कि मॉल की ऑक्यूपेंसी जून माह से निर्धारित की गई थी। इस पर सहायक प्रशासक ने जून माह से ऑक्यूपेंसी की तिथि मानते हुए री-असेसमेंट करने का निर्देश दिया और मॉल को सात दिनों के भीतर कर का भुगतान करने के लिए कहा।
बिना नगर निगम को बताए चर्च कांप्लेक्स में बनी नई दुकानें
इसके अलावा, राज अस्पताल की भी जांच की गई और इसे तीन दिनों के भीतर री-असेसमेंट करने का निर्देश दिया गया। इसी क्रम में टीम ने चर्च कॉम्प्लेक्स परिसर की मापी की और पाया कि भवन के ग्राउंड फ्लोर में कुछ नए दुकानें स्थापित की गई थीं। इस पर सहायक प्रशासक ने इन प्रतिष्ठानों को तीन दिनों के भीतर री-असेसमेंट करने का आदेश दिया और टॉप फ्लोर में स्थित होर्डिंग्स और मोबाइल टावर के कार्पेट एरिया को भी कर गणना में सम्मिलित करने का निर्देश दिया। मेन रोड स्थित कच्ची बिल्डिंग की भी जांच की गई और इसे भी तीन दिनों के भीतर री-असेसमेंट करने का निर्देश दिया गया। जांच टीम में नगर प्रबंधक, निगम के कर संग्रहकर्ता, एजेंसी के कर संग्रहकर्ता और राजस्व शाखा के अन्य कर्मचारी शामिल थे। यह जांच और कार्रवाई निगम क्षेत्र में कर व्यवस्था को सुधारने और राजस्व संग्रहण को मजबूत बनाने के लिए महत्वपूर्ण कदम है। गौरतलब है कि सभी आवासीय कांप्लेक्स और प्रतिष्ठानों को होल्डिंग टैक्स देना अनिवार्य है। लेकिन, राजधानी समेत राज्य भर में ऐसे भवनों और प्लाटों की अधिक संख्या है जिनका होल्डिंग टैक्स नहीं जमा होता। इसमें बहुमंजिला इमारतों के फ्लैट शामिल हैं। इन फ्लैट की रजिस्ट्री भी नहीं होती।