धनबाद : झारखंड के धनबाद जिला अंतर्गत धनबाद नगर निगम ने कतरास अंचल क्षेत्र के वार्ड संख्या 1 अंतर्गत कतरास बाजार-हाट में फैलते जा रहे अतिक्रमण पर सख्त रुख अपनाते हुए अतिक्रमणकारियों को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। निगम ने स्पष्ट किया है कि यदि तय समयसीमा में अवैध कब्जा नहीं हटाया गया, तो बलपूर्वक कार्रवाई की जाएगी और जिम्मेदार व्यक्तियों पर कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।
सरकारी भूमि पर धड़ल्ले से हो रहा कब्जा, नाली पर लगाए जा रहे तंबू
प्राप्त जानकारी के अनुसार, कतरास हटिया (हाट) क्षेत्र में सरकारी भूमि पर अतिक्रमण का मामला लगातार गंभीर होता जा रहा है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, कई जगहों पर खुलेआम नालियों के ऊपर तंबू लगाए जा रहे हैं और लगभग 50,000 रुपये में तंबू लगाने की ‘व्यवस्था’ आसानी से उपलब्ध है। इसके अलावा, कई सब्जी विक्रेताओं ने पक्के चबूतरे, एस्बेस्टस और टिन की चादरों से अस्थायी दुकानें खड़ी कर ली गई हैं। यह न केवल सरकारी संपत्ति पर कब्जा है, बल्कि बाजार की पारंपरिक संरचना और पहचान को भी प्रभावित कर रहा है।
स्थानीय दुकानदारों का विरोध, कार्रवाई को बताया पक्षपातपूर्ण
स्थानीय दुकानदारों ने नगर निगम की कार्रवाई पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि वे पिछले 30 से 40 वर्षों से कारोबार कर रहे हैं और अब अचानक उन्हें अवैध कब्जाधारी बताया जा रहा है। कुछ दुकानदारों ने आरोप लगाया कि प्रशासन केवल छोटे दुकानदारों पर कार्रवाई करता है, जबकि बड़े कब्जाधारी, जिन्होंने वहां स्कूल, पक्की दुकानें और मकान तक बना लिए हैं, उन पर कोई सख्त कदम नहीं उठाया जाता।
नगर निगम का जवाब : नहीं होगा पक्षपात, अतिक्रमण हटाना जरूरी
धनबाद नगर निगम के अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि कार्रवाई निष्पक्ष होगी और किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जाएगा। इस संबंध में राजस्व अधिकारी सचिन कुमार ने बताया कि अतिक्रमण के कारण नालियों की नियमित सफाई संभव नहीं हो पाती, जिससे जलजमाव की समस्या उत्पन्न होती है। उन्होंने नागरिकों से साफ-सफाई और जनहित के प्रति जिम्मेदारी निभाने की अपील भी की।
जल्द होगी अतिक्रमण पर कार्रवाई, प्रशासन तैयार
नगर निगम की टीम ने क्षेत्र का निरीक्षण कर अवैध संरचनाओं की पहचान शुरू कर दी है। तय समय सीमा के भीतर अतिक्रमण नहीं हटाया गया तो बुलडोजर और पुलिस बल की सहायता से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जाएगी। इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी, ताकि भविष्य में कानूनी अड़चनों से बचा जा सके।