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पुणे के उद्यमी लक्ष्मण साधु शिंदे की हत्या : करोड़ों के ऑर्डर के नाम पर बुलाया गया पटना, फिर मिली लाश

लक्ष्मण शिंदे को झारखंड में एक खनन उपकरण से जुड़ा कथित उच्च मूल्य का ऑर्डर देने का झांसा दिया गया। 11 अप्रैल को वे पटना पहुंचे, जिसके बाद परिवार का उनसे संपर्क टूट गया।

by Reeta Rai Sagar
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पुणे/ पटनाः पुणे के खेडशिवापूर स्थित ‘सेंट्रीफ्यूगल कास्टिंग बेयरिंग’ के मालिक लक्ष्मण साधु शिंदे की हत्या की गुत्थी सुलझाते हुए बिहार पुलिस ने एक बड़े अंतरराज्यीय आपराधिक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। शिंदे को एक फर्जी व्यावसायिक प्रस्ताव देकर विगत 11 अप्रैल को पटना बुलाया गया था। उसके चार दिन बाद 15 अप्रैल को बिहार के जहानाबाद जिले में उनकी लाश बरामद हुई।

मेहनत से बनी पहचान : गन्ने के खेतों से मेटल कास्टिंग इंडस्ट्री तक
लक्ष्मण शिंदे, उम्र 55, का जीवन संघर्ष और सफलता की मिसाल है। सोलापुर जिले के मंगलवेढ़ा तालुका के मारोली गांव से आने वाले शिंदे ने बचपन में गन्ने के खेतों में मजदूरी की। उन्होंने पुणे के प्रतिष्ठित कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, पुणे (COEP) से मेटलर्जी में डिग्री प्राप्त की। आर्थिक तंगी के चलते उन्हें दाखिले के समय स्वारगेट बस स्टैंड पर रातें बितानी पड़ी थीं। कॉलेज के तत्कालीन प्राचार्य ने उनकी फीस भरकर उनका जीवन संवारा।

रत्नदीप कास्टिंग : रक्षा क्षेत्र तक फैला था कारोबार

इंजीनियरिंग के बाद शिंदे ने निजी कंपनियों में काम किया और फिर अपने सपनों की कंपनी ‘रत्नदीप कास्टिंग’ की स्थापना की। वर्षों की मेहनत से उन्होंने इसे मेटल कास्टिंग, फोर्जिंग और प्रिसीजन मशीनिंग सेक्टर का एक विश्वसनीय नाम बनाया। कंपनी के ग्राहक केवल देश में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी फैले हुए थे। रत्नदीप कास्टिंग की सप्लाई रक्षा क्षेत्र (Defence Sector) में भी होती थी, जो इसकी विश्वसनीयता और गुणवत्ता को दर्शाता है।

करोड़ों के ऑर्डर के नाम पर बिछाया गया जाल

जांच के अनुसार, लक्ष्मण शिंदे को झारखंड में एक खनन उपकरण से जुड़ा कथित उच्च मूल्य का ऑर्डर देने का झांसा दिया गया। 11 अप्रैल को वे पटना पहुंचे, जिसके बाद परिवार का उनसे संपर्क टूट गया। 15 अप्रैल को उनकी लाश जहानाबाद के घोसी क्षेत्र में मिली।

बिहार पुलिस की त्वरित कार्रवाई : सात आरोपी गिरफ्तार

पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) आकवाश कुमार ने बताया कि पुलिस को शिकायत मिलने के बाद सीसीटीवी फुटेज और अन्य सुरागों के आधार पर अपहरण का मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने विशेष टीम गठित कर जांच शुरू की। अपहरण में प्रयुक्त वाहन वैशाली जिले से बरामद किया गया और वाहन मालिक को हिरासत में लिया गया।

जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी एक अंतरराज्यीय आपराधिक गिरोह से ताल्लुक रखते हैं, जो फिरौती के लिए लोगों का अपहरण करते हैं। इस गिरोह ने शिंदे के परिजनों से ₹90,000 की फिरौती ली, लेकिन पूरी रकम नहीं मिलने पर उनकी हत्या कर दी गई।

हत्या में शामिल एक महिला समेत सात आरोपी गिरफ्तार

पुलिस ने इस हत्याकांड में शामिल सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एक महिला भी शामिल है। प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया कि यह गिरोह पहले भी इसी तरह की घटनाओं को अंजाम दे चुका है। लक्ष्मण साधु शिंदे की हत्या ने देशभर के उद्योग जगत को झकझोर कर रख दिया है। एक मेहनती और आत्मनिर्भर उद्यमी की इस प्रकार हत्या होना न केवल कानून व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि डिजिटल माध्यम से बढ़ती आपराधिक गतिविधियों को लेकर सतर्कता आवश्यक है।

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