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100 करोड़ है एक सलाह देने की मेरी फीस, इतना कमजोर समझें हैं क्या: प्रशांत किशोर

बेलागंज में चुनाव प्रसार के दौरान चुनावी रैली को संबोधित करते हुए जनसुराज के संयोजक प्रशांत किशोर ने खुद के संबंध में खुलासा करते हुए कहा कि वे किसी भी पार्टी को एक सलाह भर देने के लिए 100 करोड़ से भी अधिक फीस वसूलते थे।

by Reeta Rai Sagar
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पटनाः राजनीतिक पार्टियों को चुनावी सलाह देने के लिए चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर 100 करोड़ रुपये से अधिक की फीस लेते थे। ये खुलासा खुद प्रशांत किशोर ने किया है। उन्होंने कहा कि 10 राज्यों में उनके प्रयास से ही बनाई सरकारें चल रही हैं। बिहार उपचुनाव में उनकी जनसुराज पार्टी से चार उम्मीदवार मैदान में है।

रणनीतिकार के रूप में ली जानेवाली फीस की चर्चा की
बेलागंज में 31 अक्तूबर को चुनावी रैली में चुनाव प्रसार के दौरान उन्होंने कहा कि उनसे हमेशा पूछा जाता है कि वे चुनाव अभियान के लिए पैसे कहां से लाते है। इसी के जवाब में उन्होंने चुनावी रणनीतिकार के तौर पर वसूले जाने वाले फीस की चर्चा की। बेलागंज में उन्होंने जनसुराज पार्टी के उम्मीदवार मोहम्मद अमजद के समर्थन में प्रचार भी किया।

10 राज्यों में मेरी बनाई सरकार चल रही हैं
पहली बार चुनाव में हिस्सा ले रही जनसुराज पार्टी ने बेलागंज, इमामगंज, रामगढ़ और तरारी सीट पर उम्मीदवार उतारे हैं। रैली के दौरान प्रशांत किशोर ने कहा कि 10 राज्यों में मेरी बनाई सरकार चल रही हैं। तो क्या हमको अपना अभियान के लिए टेंट और तंबू लगाने का पैसा नहीं मिलेगा। इतना हमको कमजोर समझ रहे हो आप। बिहार में जितना किसी ने सुना नहीं होगा, उतना में तो हम एक चुनाव में सलाह देते हैं। हमारा फीस 100 करोड़ या उससे अधिक होता है।

नीतीश पर किया तंज
गौरतलब है कि जनसुराज पार्टी को हाल ही में ‘स्कूल का बस्ता’ चुनाव चिह्न के रूप में मिला है। किशोर ने नीतीश पर तंज करते हुए कहा कि जब आये हैं तो कहते लालू के राज में गया शहर शाम को 6 बजे बंद हो जाता था। अब 8 बजे रात तक खुला रहता है। बीते 18 साल से इसी बात पर मुख्यमंत्री बन रहे हैं। अब यह बताइए कि गया-पटना, बेंगलुरू, हैदराबाद जैसा कब बनेगा। एक ही गाय को कितनी बार दुहेंगे।

‘10 अग्रणी राज्यों में बिहार शामिल हो, पूरा फोकस’

अपनी पार्टी के संबंध में प्रशांत किशोर ने कहा कि दो साल में एक बार भी जनसुराज ने जाति के नाम पर वोट नहीं मांगा है। किसी के खिलाफ धरना-प्रदर्शन आंदोलन भी हमने नहीं किया है। झारखंड में चल रहे चुनावी माहौल पर किशोर ने कहा कि हमारा पूरा फोकस बिहार पर है। आने वाले 8-10 वर्षों तक हमारा फोकस बिहार ही रहेगा। बिहार की व्यवस्था को सुधारना है। 10 अग्रणी राज्यों में बिहार कैसे शामिल हो, यहां सत्ता व्यवस्था का परिवर्तन कैसे हो, इस पर फोकस करना है।

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