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जानिए कौन हैं प्रोफेसर नईमा खातून, जो बनी हैं एएमयू की पहली महिला कुलपति

by The Photon News Desk
Naima Khatoon
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नई दिल्ली/ Naima Khatoon: लंबे समय से अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के वीसी को लेकर चल रही कश्मकश अब खत्म हो गई है। एएमयू का वीसी कौन होगा, इसको लेकर लंबे समय से तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन अचानक आए एक फैसले ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को एक नया वीसी दे दिया है। प्रोफेसर नईमा खातून को राष्ट्रपति द्वारा यूनिवर्सिटी का नया वीसी बनाया गया है। वह यूनिवर्सिटी की पहली महीला वीसी बनी हैं।

मनोविज्ञान में डॉक्टरेट की डिग्री हासिल कर प्रोफेसर खातून 1988 में लेक्चरर के तौर पर अलीगढ़ विश्वविद्यालय से जुड़ी थीं। जुलाई 2014 में एएमयू महिला कॉलेज की प्रिंसिपल बनीं। इससे पहले मनोविज्ञान विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर के तौर पर काम कर चुकी हैं।

पूर्व वीसी तारिक मंसूर के पद से इस्तीफा देने के बाद खातून के पति प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज़ को पिछले साल विश्वविद्यालय के कार्यवाहक वीसी बनाया गया था। तारिक मंसूर के उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य बनने के बाद से विश्वविद्यालय में ये पद खाली था।

तीन उम्मीदवारों के पैनल से पहली बार बनीं महिला वीसी Naima Khatoon

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ने अपने 103 साल के इतिहास में पहली बार एक महिला कुलपति की नियुक्त की है। एएमयू कार्यकारी परिषद और एएमयू कोर्ट ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ति के लिए तीन उम्मीदवारों का एक पैनल बनाकर उन्हें राष्ट्रपति के पास भेजा था, जिसमें से प्रोफेसर नईमा खातून को एएमयू के कुलपति के रूप में नामित किया गया है।

विवादों में घिरी रही एएमयू के कार्यकारी की नियुक्ति

वीसी नियुक्ति के लिए एएमयू के कार्यकारी परिषद ने 30 अक्टूबर को कुल 20 उम्मीदवारों में से 5 उम्मीदवारों का एक पैनल तैयार किया था, जिसमें से 3 उम्मीदवारों का एक पैनल 6 नवंबर को एएमयू कोर्ट के सदस्यों द्वारा तैयार किया गया था। नामांकन के लिए इस पैनल को रिपब्लिक को भेज दिया गया था।

वहीं, गुलरेज़ को इस पद के लिए शॉर्टलिस्ट किए जाने को लेकर टकराव से संबंधित कई शिकायतें दर्ज की गई थीं, क्योंकि उनके पति कार्यवाहक वीसी प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज़ ने उस बैठक की अध्यक्षता की थी, जिसमें उन्हें पैनल में शामिल किया गया था। इसके खिलाफ मामला विश्वविद्यालय परिसर से लेकर राष्ट्रपति और इलाहाबाद उच्च न्यायालय तक चला गया। इलाहाबाद हाई कोर्ट में आखिरी सुनवाई 15 अप्रैल को हुई थी और अगली सुनवाई 29 अप्रैल को होनी है। फिलहाल अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में वीसी के पद पर नईमा खातून को पदासीन कर दिया गया है।

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