स्पेशल डेस्क: National Aeronautics and Space Administration (NASA): रोमन टेलीस्कोप, एक “लम्बे समय तक दूरबीन से जांच करने की तकनीक” को कहा जाता है। इसके माध्यम से ब्रह्मांड की कई दुर्लभ जानकारियों को प्राप्त कर पाना संभव होता है।
भविष्य की निगरानी में नासा (NASA) के इस प्रोजेक्ट को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। आपको बता दें कि यह टेलीस्कोप वैज्ञानिक टाइम-डोमेन खगोल विज्ञान का अध्ययन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
नासा (NASA) की उत्सुकता आकाशगंगा के रहस्यों को खोजने में रही है। इन रहस्यों से पर्दा उठाने की कोशिश की जाएगी और इसके लिए नैन्सी ग्रेस रोमन स्पेस टेलीस्कोप का उपयोग किया जाएगा। इस टेलीस्कोप से ब्रह्मांड के विशाल विस्तार की निगरानी की जाएगी।
रोमन टेलीस्कोप क्या है?
रोमन टेलीस्कोप नासा की एक दीर्घकालिक निगरानी प्रणाली (Long-term Observation System) है। इसे “निगरानी विज्ञान का वक्त-मंडल” कहा जाता है।
इसका उद्देश्य समय के साथ ब्रह्मांड के परिवर्तनों का अध्ययन करना है। यह हमारे खगोलशास्त्रीय ज्ञान को महत्वपूर्ण ढंग से बढ़ाने में मदद करेगा।
रोमन टेलीस्कोप को वैज्ञानिक टाइम-डोमेन खगोल विज्ञान का एक महत्वपूर्ण साधन माना जाता है। इस टेलीस्कोप का विशेषता यह है कि यह आकाशगंगा के विभिन्न क्षेत्रों की निगरानी करने में सक्षम है और विशेष रूप से वेधशालाओं के साथ सहयोग करता है, जो इन परिवर्तनों को पकड़ने में मदद करते हैं।
सौर मंडल के बाहरी इलाके की वस्तुओं की मिल सकेगी जानकारी
नासा (NASA) की वेबसाइट के मुताबिक, रोमन स्पेस टेलीस्कोप के द्वारा हम सैकड़ों लाखों सितारों की निगरानी करेंगे, और “टेलटेल फ़्लिकर की तलाश करेंगे जो ग्रहों, दूर के सितारों, हमारे सौर मंडल के बाहरी इलाके में मौजूद छोटी बर्फीली वस्तुओं, पृथक ब्लैक होल की उपस्थिति का संकेत देते हैं।
” इसके अलावा, वैज्ञानिकों की आशा है कि रोमन टेलीस्कोप दूरबीन शायद से सबसे दूर ज्ञात एक्सोप्लैनेट का रिकॉर्ड स्थापित करेगा। यह हमें अज्ञात गैलेक्टिक पड़ोस में एक ‘झलक’ प्रदान कर सकता है जो हमारे लिए ज्ञात 5,500 से भिन्न दुनिया हो सकती है।
विस्तारित खगोलशास्त्र पर केंद्रित है रोमन टेलीस्कोप का मिशन
आपको बता दें कि रोमन टेलीस्कोप का मिशन आकाशगंगा के विस्तारित खगोलशास्त्र के क्षेत्र में केंद्रित है। यह विशेष रूप से धूल के बादलों के पार देखने की कोशिश करेगा।
यह लगभग दो महीने तक चौबीसों घंटे में हर 15 मिनट में एक तस्वीर लेगा। जिनका अवलोकन करने में एक वर्ष से अधिक का समय लग सकता है।
दरअसल, रोमन टेलीस्कोप के माध्यम से वैज्ञानिक दस लाख विशाल तारों पर तारकीय भूकंप विज्ञान अध्ययन भी करेंगे। इसके जरिए, वे तारे की चमक में बदलाव का विश्लेषण करेंगे जब किसी तारे के गैसीय आंतरिक भाग से ध्वनि तरंगें प्रतिध्वनित होती हैं।
सितारों की संरचना, उम्र और अन्य गुणों की मिल सकती है जानकारी
इस मिशन से तारे की संरचना, उम्र, और अन्य गुणों के बारे में जानने में मदद मिल जाएगी। इस विशेष अनुशासन से, हम तारों की गोलकीय स्वरूप (Spherical Shape), उनकी वायुमंडलीय गतिकी, और उनकी संरचना की अध्ययन करने में सक्षम होंगे, जो हमारे खगोलशास्त्रीय ज्ञान को महत्वपूर्ण ढंग से बढ़ावा देगा।
रोमन टेलीस्कोप का गैलेक्टिक बल्ज टाइम-डोमेन सर्वेक्षण आकाशगंगा पर केंद्रित होगा, जो हमें आकाशगंगा के एक नये पहलू के राज खोलने में मदद करेगा।
इसके अलावा, यह हमें अज्ञात गैलेक्टिक की जानकारी भी दे सकता है, जो हमारे खगोलशास्त्रीय ज्ञान को एक नये आयाम में ले जाएगा।
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