नई दिल्ली: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA का स्पेसक्राफ्ट पार्कर सोलर प्रोब ने इतिहास रचते हुए सूरज के सबसे करीब जाने का रिकॉर्ड कायम किया है। इस यान ने क्रिसमस की पूर्व संध्या यानी 24 दिसंबर 2024 को यह उपलब्धि हासिल की, जब वह सूरज की सतह से महज 61 लाख किलोमीटर की दूरी पर पहुंचा। यह यान एक छोटी कार के आकार का था, लेकिन इसकी गति और क्षमता विशाल हैं।
सूरज के बेहद करीब, बेहद तेज
पार्कर सोलर प्रोब ने सूरज की सतह से 61 लाख किलोमीटर दूर से गुज़रते हुए 6.90 लाख किलोमीटर प्रति घंटा की गति हासिल की। यह इतनी तेज़ गति है कि टोक्यो से वॉशिंगटन डीसी तक की यात्रा मात्र एक मिनट से भी कम समय में पूरी हो सकती है। यह यान इंसानों द्वारा निर्मित अब तक की सबसे तेज़ वस्तु है, जिसने सूरज के पास पहुंचने का रिकॉर्ड तोड़ा है।
पार्कर सोलर प्रोब को खासतौर पर सूरज के आसपास के वातावरण, सौर तूफानों और सूर्य की सक्रियता के बारे में महत्वपूर्ण डेटा प्राप्त करने के लिए भेजा गया था। इस मिशन के माध्यम से वैज्ञानिकों को सूरज से निकलने वाली सौर लहरों और उनका पृथ्वी पर होने वाले प्रभावों का अध्ययन करने का अवसर मिलेगा।
जीवित रहने का सवाल
इस ऐतिहासिक रिकॉर्ड के बावजूद, वैज्ञानिकों के मन में एक बड़ा सवाल है, क्या पार्कर सोलर प्रोब सुरक्षित है और जीवित रहेगा? सूर्य के इतने पास जाने से स्पेसक्राफ्ट को भीषण गर्मी और सौर तूफानों का सामना करना पड़ा। NASA के वैज्ञानिक इस बात को लेकर चिंतित हैं कि क्या यान इन खतरों से सुरक्षित रहेगा। अगर सबकुछ ठीक रहा, तो इस स्पेसक्राफ्ट से 27 दिसंबर तक सिग्नल मिलने की उम्मीद है। अगर सिग्नल आता है, तो इसका मतलब होगा कि पार्कर सोलर प्रोब जिंदा है और अपने मिशन को जारी रखे हुए है।
सूरज से तस्वीरें और डेटा
पार्कर सोलर प्रोब ने जब सूरज के पास से गुज़रते हुए तस्वीरें लीं, तो उनका डेटा जनवरी 2025 में NASA को मिलेगा। ये तस्वीरें और डेटा वैज्ञानिकों को सूरज की सतह, उसकी सक्रियता और आसपास के वातावरण के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देंगे। मिशन के प्रोजेक्ट साइंटिस्ट नूर रवाफी के मुताबिक, पार्कर द्वारा भेजे गए पहले स्टेटस अपडेट का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है।
पिछले रिकॉर्ड्स
पार्कर सोलर प्रोब ने 2023 में भी सूरज के पास से दो अहम रिकॉर्ड बनाए थे। उस समय यह सूरज की सतह से 72.60 लाख किलोमीटर की दूरी पर पहुंचा था और उसकी गति 6.35 लाख किलोमीटर प्रति घंटा थी। इस बार यह सूरज के और करीब पहुंचा, और यह दोनों रिकॉर्ड उसके पिछले प्रयास से कहीं अधिक चुनौतीपूर्ण थे। 2023 में पार्कर ने शुक्र ग्रह की ग्रैविटी का लाभ उठाकर सूरज के पास पहुंचने में मदद ली और तेज गति से वहां से निकल भी गया।
सौर तूफान की बर्दाश्त
पार्कर सोलर प्रोब ने सूरज के करीब जाते समय एक सौर तूफान भी बर्दाश्त किया था। सौर लहरें (CME) ऐसे शक्तिशाली मैग्नेटिक फील्ड का निर्माण करती हैं, जो अरबों टन प्लाज्मा छोड़ती हैं और बहुत तेज गति से अंतरिक्ष में फैलती हैं। पार्कर ने इन सौर तूफानों को बखूबी झेला है, और इसने एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड स्थापित किया है।
भविष्य में क्या होगा?
पार्कर सोलर प्रोब की यात्रा अभी जारी है, और वह सूरज के और पास जाएगा। इसे सूर्य के बाहरी वातावरण, सौर हवा और उसकी गतिविधियों के बारे में जानकारी प्राप्त करने का मौका मिलेगा। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य सूर्य के आसपास के वातावरण की जटिलताओं को समझना और सौर धूल के प्रभावों का अध्ययन करना है।
इस मिशन से मिली जानकारी अंतरिक्ष में ग्रहों के बीच सौर धूल के प्रभाव को भी समझने में मदद करेगी। यह अध्ययन भविष्य में सौर तूफानों और उनकी पृथ्वी पर होने वाली घटनाओं के प्रभावों को बेहतर तरीके से समझने में सहायक होगा। अब वैज्ञानिक पूरी उम्मीद लगाए हुए हैं कि पार्कर सोलर प्रोब सुरक्षित रहेगा और अपने मिशन को जारी रखते हुए नई जानकारी और तस्वीरें भेजेगा, जो भविष्य में सूर्य के रहस्यों को और गहरे से जानने में मदद करेंगी।
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