गया/औरंगाबाद: तमाम सरकारी दावों के बावजूद बीच-बीच में नक्सली संगठन अपनी उपस्थिति का अहसास करा ही दे रहे हैं। बिहार के गया और औरंगाबाद के सीमावर्ती इलाकों में नक्सलियों ने एक बार फिर उत्पात मचाया है। नक्सलियों ने निर्माण कार्य में लगी पोकलेन मशीन को आग के हवाले कर दिया। आगजनी की इस घटना में लाखों की संपत्ति का नुकसान हुआ। इतना ही नहीं, घटना को अंजाम देने के दौरान नक्सलियों ने मजदूरों के साथ मारपीट की और काम रोकने के लिए उन्हें धमकाया। इस वारदात से इलाके में दहशत का माहौल बन गया है।
पोकलेन में आग लगाने के बाद फायरिंग से मची अफरातफरी
यह नक्सली घटना पचरुखिया लंगूराही इलाके में हुई। यहां पईन निर्माण का काम चल रहा था। निर्माण कार्य में पोकलेन का इस्तेमाल किया जा रहा था। अचानक दर्जन भर हथियारबंद नक्सली वहां पहुंचे और मजदूरों के साथ मारपीट करने लगे। इसके बाद उन्होंने पोकलेन को आग लगा दी। घटना के बाद जब नक्सली वहां से भाग रहे थे, तो उन्होंने फायरिंग भी की, जिससे इलाके में अफरातफरी मच गई। हालांकि, इस घटना में किसी के घायल होने की सूचना नहीं है, लेकिन मजदूरों के बीच दहशत फैल गई।
काम बंद करने की चेतावनी से दहशत में कामगार
घटना के बाद नक्सलियों ने मजदूरों से काम बंद करने की धमकी दी। उन्होंने कहा कि अगर निर्माण कार्य फिर से शुरू हुआ, तो वे इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे। इस घटना के बाद मजदूरों में भय का माहौल है, और इलाके के लोग इस धमकी के कारण परेशान हैं। बताया जा रहा है कि पईन निर्माण स्थल पर काम में लगे कर्मचारियों और ठेकेदारों को नक्सलियों ने धमकाया और लेवी मांगने की कोशिश की। यह घटना नक्सलियों द्वारा क्षेत्रीय वर्चस्व को लेकर की गई एक तरह की दबाव रणनीति हो सकती है।
घटना के पीछे नक्सली या कोई और, पुलिस कर रही जांच
गया और औरंगाबाद के एसपी अभियान दिवेश मिश्रा ने इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने बताया कि पोकलेन मशीन को आग में जलाए जाने की घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और मामले की छानबीन शुरू कर दी है। हालांकि, मिश्रा ने यह भी स्पष्ट किया कि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि इस घटना के पीछे नक्सलियों का हाथ है या यह असामाजिक तत्वों का काम है। पुलिस ने प्रथम दृष्टया इसे नक्सलियों की गतिविधि नहीं माना है, लेकिन जांच जारी है।
उठ रहे कई सवाल
पुलिस के अनुसार, यह घटना पहले की घटनाओं से मेल नहीं खाती, क्योंकि नक्सली आमतौर पर ऐसे अपराधों को अंजाम नहीं देते हैं, जो सीधे तौर पर उनके खिलाफ काम करने वाले ठेकेदारों और मजदूरों से जुड़ी होती हैं। इस घटना से यह सवाल भी उठता है कि क्या यह असामाजिक तत्वों का काम है जो नक्सलियों के नाम पर अपनी करतूतें अंजाम दे रहे हैं। पुलिस ने यह भी कहा है कि अगर इस घटना में किसी नक्सली संगठन का हाथ पाया जाता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
घटनास्थल से बाइक व खोखे बरामद
पुलिस ने इस मामले में सक्रियता दिखाते हुए घटनास्थल से बाइक और दो खोखे बरामद किए हैं। पुलिस की टीम इस समय इलाके में गश्त बढ़ाकर आरोपियों की तलाश कर रही है। औरंगाबाद और गया पुलिस के उच्च अधिकारियों ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच की दिशा को तेज कर दिया है।
नक्सल प्रभावित इलाके में बढ़ती हिंसक घटनाएं
यह घटना इस बात को दर्शाती है कि बिहार के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अब भी नक्सली संगठनों का डर बना हुआ है। हालांकि पुलिस और सुरक्षा बलों की तरफ से लगातार कार्रवाई की जा रही है, लेकिन नक्सलियों के बीच मजबूत नेटवर्क और उनके द्वारा लगातार दबाव बनाने की कोशिशें जारी हैं। ऐसे में पुलिस के लिए इन घटनाओं की तह तक पहुंचना और दोषियों को सजा दिलवाना एक चुनौती बना हुआ है।