Home » BSP : मायावती ने भतीजे आकाश को बाहर करने के बाद भाई आनंद कुमार को भी नेशनल को-ऑर्डिनेटर पद से हटाया

BSP : मायावती ने भतीजे आकाश को बाहर करने के बाद भाई आनंद कुमार को भी नेशनल को-ऑर्डिनेटर पद से हटाया

बसपा सुप्रीमो मायावती ने सोशल मीडिया पर अपने फैसले का खुलासा करते हुए इसके पीछे की वजह भी बताई और पार्टी के भविष्य के लिए दिशा-निर्देशन को स्पष्ट किया।

by Rakesh Pandey
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में बड़े बदलावों का दौर जारी है। अब पार्टी सुप्रीमो मायावती ने अपने भाई आनंद कुमार को नेशनल को-ऑर्डिनेटर पद से हटा दिया है। मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को भी पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया था, जिससे पार्टी में एक नया विवाद और चर्चा का माहौल बन गया है। मायावती ने सोशल मीडिया पर इस फैसले का खुलासा करते हुए इसके पीछे की वजह भी बताई और पार्टी के भविष्य के लिए दिशा-निर्देशन को स्पष्ट किया।

आनंद कुमार के पद परिवर्तन की वजह

मायावती ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि उनके भाई आनंद कुमार ने एक पद पर रहकर काम करने की इच्छा जताई थी और इस पर विचार करते हुए उन्हें उपाध्यक्ष बनाए रखा गया है। हालांकि, उनकी जगह पर अब रणधीर बेनीवाल को पार्टी का नेशनल कोऑर्डिनेटर बनाया गया है। इस बदलाव को लेकर मायावती ने कहा कि आनंद कुमार लंबे समय से बसपा में निस्वार्थ सेवा और समर्पण के साथ काम कर रहे हैं और उनका यह कदम पार्टी के हित में लिया गया है। मायावती के अनुसार, आनंद कुमार अपनी जिम्मेदारियों को पहले की तरह निभाते रहेंगे, लेकिन उनकी प्रमुख भूमिका उपाध्यक्ष के रूप में ही होगी। इसके साथ ही, रणधीर बेनीवाल और रामजी गौतम को पार्टी की राष्ट्रीय जिम्मेदारी दी गई है और वे सीधे मायावती के दिशा-निर्देशन में कार्य करेंगे।

आकाश आनंद के खिलाफ बड़ा फैसला

बसपा के अंदर आए इस बदलाव के सबसे बड़े कारणों में से एक मायावती का भतीजे आकाश आनंद भी हैं। उन्हें पहले पार्टी का नेशनल को-ऑर्डिनेटर और उत्तराधिकारी घोषित किया गया था। पिछले साल मई में मायावती ने अपने भतीजे को इन दोनों अहम पदों से हटा दिया था। खास बात यह है कि आकाश आनंद को पार्टी से हटाने के पीछे मायावती ने उनके ससुर अशोक सिद्धार्थ को जिम्मेदार ठहराया। मायावती ने अपने फैसले को लेकर कहा कि उन्होंने यह निर्णय पार्टी और आंदोलन के हित में लिया है और पार्टी के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए यह कदम उठाया है।

किसी को भी उत्तराधिकारी नहीं बनाने की घोषणा

मायावती ने यह भी कहा कि उनके जीवनकाल में किसी को भी पार्टी का उत्तराधिकारी नहीं बनाया जाएगा। उन्होंने कांशीराम के बारे में भी बात करते हुए कहा कि उन्होंने कभी भी अपने रिश्ते-नातों को पार्टी में काम करने के लिए बाधा नहीं बनने दिया। अगर कभी किसी ने पार्टी का नाम अपने निजी फायदे के लिए दुरुपयोग किया, तो वह उसे पार्टी से बाहर कर देंगी। उनके इस बयान से यह साफ हो गया कि मायावती पार्टी में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए किसी भी प्रकार के परिवारवादी प्रभाव को पूरी तरह से नकारती हैं।

बदलाव के बाद की स्थिति

इस निर्णय के बाद, बसपा के भीतर एक नया नेतृत्व देखने को मिलेगा, जहां अब रणधीर बेनीवाल और रामजी गौतम को राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी के दिशा-निर्देशक के रूप में जिम्मेदारी दी गई है। मायावती ने इस बदलाव के जरिए पार्टी को एक नया दिशा देने की कोशिश की है, जिससे भविष्य में पार्टी मजबूत स्थिति में आ सके। यह भी देखा जाएगा कि यह बदलाव पार्टी की कार्यशैली और चुनावी रणनीति में कितना प्रभाव डालता है, खासकर अगले लोकसभा और विधानसभा चुनावों में।

पार्टी में नए बदलावों के साथ भविष्य की राह

मायावती का यह कदम न केवल पार्टी के भीतर एक बड़ा बदलाव है, बल्कि यह उनके नेतृत्व को और भी मजबूत करने का संकेत देता है। यह भी स्पष्ट होता है कि मायावती पार्टी में किसी भी प्रकार के परिवारवाद को बढ़ावा नहीं देना चाहतीं, और उनके फैसले यह साबित करते हैं कि वे पार्टी के लिए सबसे सही और प्रभावी निर्णय लेने में विश्वास करती हैं।


पार्टी कार्यकर्ता दे रहे मिलीजुली प्रतिक्रिया

बसपा में आए इस बदलाव को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच अलग-अलग प्रतिक्रिया देखने को मिल रही हैं। जहां कुछ लोग इसे पार्टी के भविष्य के लिए सही कदम मान रहे हैं, वहीं कुछ इसे विवादास्पद भी मानते हैं। लेकिन यह तय है कि मायावती ने पार्टी को मजबूत बनाने के लिए यह कदम उठाया है, और अब देखने वाली बात यह होगी कि इस बदलाव के बाद पार्टी किस दिशा में आगे बढ़ती है।
इस कदम से यह भी साफ हो गया है कि मायावती अब परिवार के प्रभाव से ऊपर उठकर पार्टी के व्यापक हितों के बारे में सोच रही हैं, और उनका यह प्रयास आगामी चुनावों में पार्टी को नई ऊँचाइयों तक पहुंचाने का होगा।

Read Also- Steven Smith Retires : चैम्पियंस ट्रॉफी सेमीफाइनल में हार के बाद स्टीव स्मिथ ने लिया संन्यास, ODI क्रिकेट को कहा अलविदा

Related Articles