कभी देशभर में चर्चा में रहा स्कूल, आज सवालों के घेरे में
नेतरहाट : एक समय देश के प्रतिष्ठित आवासीय विद्यालयों में गिने जाने वाला नेतरहाट आवासीय विद्यालय अब अपने गिरते शिक्षा स्तर को लेकर चर्चाओं में है। यहां से पढ़े कई छात्र आईएएस, आईपीएस और आईआरएस बनकर देश का नाम रोशन कर चुके हैं। इसी कारण इसे ‘अफसरों का स्कूल’ भी कहा जाता रहा है। लेकिन अब स्थिति बदल गई है।
CBSE पाठ्यक्रम के बाद परिणाम में गिरावट
झारखंड के लातेहार जिला स्थित इस विद्यालय में CBSE पाठ्यक्रम लागू होने के बाद से विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम लगातार खराब हो रहे हैं। हाल ही में घोषित 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा में स्कूल के 5 विद्यार्थी फेल हो गए— जिनमें 10वीं का एक और 12वीं के चार छात्र शामिल हैं। यह गिरता ग्राफ शिक्षा जगत और अभिभावकों दोनों के लिए चिंता का विषय बन गया है।
शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने दिए जांच के निर्देश
झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने इस हालात को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार दिया है। उन्होंने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए 5 सदस्यीय जांच कमेटी के गठन का आदेश दिया है। यह कमेटी पूरे मामले की समीक्षा कर शिक्षा मंत्री को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
शुक्रवार को नेतरहाट विद्यालय समिति की सामान्य निकाय बैठक के बाद शिक्षा मंत्री ने कहा,
‘विद्यालय का प्रदर्शन 2010 के बाद से लगातार गिरा है। जहां कभी 100 सीटों पर नामांकन के लिए 30-35 हजार आवेदन आते थे, आज केवल 1000 से 1200 आवेदन ही जमा हो रहे हैं। एक समय 10वीं बोर्ड के टॉपर्स की सूची में इस विद्यालय के छात्रों का दबदबा रहता था, अब कोई नाम नहीं है’।
शिक्षक कमी बनी बड़ी चुनौती, 43 पदों में केवल 18 शिक्षक कार्यरत
शिक्षा में गिरावट की एक बड़ी वजह शिक्षकों की भारी कमी भी मानी जा रही है। विद्यालय में 43 शिक्षक पद स्वीकृत हैं, लेकिन वर्तमान में केवल 18 शिक्षक ही कार्यरत हैं। बैठक में निर्णय लिया गया कि जब तक नई शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया पूरी नहीं होती, तब तक पूर्ववर्ती छात्र और शिक्षाविद् स्वैच्छिक रूप से कक्षा संचालन में सहयोग करेंगे। इच्छुक शिक्षकों से ऑनलाइन आवेदन मांगे जाएंगे।
नेतरहाट विद्यालय को लेकर किए गए प्रमुख निर्णय
इन पांच बिंदुओं से समझें पूरी स्थिति
- पांच छात्र फेल होने से शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हुए।
- शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने जांच कमेटी बनाने का आदेश दिया है।
- 43 में से केवल 18 शिक्षक कार्यरत हैं, जिससे पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित है।
- पूर्व छात्र और शिक्षाविद् अस्थायी रूप से पढ़ाई में सहयोग करेंगे।
- विद्यालय संचालन की नियमावली में बदलाव और प्रवेश परीक्षा को JAC के अधीन लाने पर विचार किया जा रहा है।
नेतरहाट के गौरव को फिर लौटाने की कोशिशें
नेतरहाट आवासीय विद्यालय की पहचान देश भर में रही है। शिक्षा मंत्री और प्रशासन की कोशिश है कि यहां की गुणवत्ता फिर से पहले जैसी हो। इसके लिए शिक्षक बहाली, नियमावली संशोधन और प्रवेश प्रणाली में सुधार जैसे कदम जल्द उठाए जाएंगे।
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