- बिहार सरकार ने भी मुआवजा देने का किया एलान
सेंट्रल डेस्क : नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात मची भगदड़ में 18 लोगों की जान चली गई और कई अन्य घायल हो गए। इस हादसे के बाद सरकार ने मृतकों के परिवारों के लिए 10 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की है। इसके साथ ही, गंभीर रूप से घायल लोगों को 2.5 लाख रुपये और मामूली रूप से घायल लोगों को 1 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। बिहार सरकार ने भी इस घटना पर अपनी चिंता जताते हुए मृतकों के परिवारों को 2 लाख रुपये मुआवजा देने का एलान किया है, जबकि घायलों को 50,000 रुपये की राशि दी जाएगी।
घटना का कारण और उस रात की स्थिति
घटना शनिवार रात करीब 10 बजे के आसपास प्लेटफॉर्म नंबर 13 और 14 पर हुई। उस वक्त हजारों की संख्या में श्रद्धालु महाकुंभ में स्नान करने के लिए प्रयागराज जाने के लिए स्टेशन पर इकट्ठा हो रहे थे। इसी दौरान एक गलत अनाउंसमेंट के बाद यात्रियों में अफरातफरी मच गई और भगदड़ की स्थिति बन गई। भीड़ इतनी ज्यादा हो गई कि लोग एक-दूसरे के ऊपर चढ़ गए, जिससे कई लोग गिर गए और जान गंवा बैठे।
हादसे की कहानी कुली की जुबानी
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर कुली के रूप में काम करने वाले सुगन लाल मीणा ने हादसे के बारे में बताया कि यह दृश्य उनके लिए भयावह था। उन्होंने बताया, ‘मैं 1981 से कुली का काम कर रहा हूं, लेकिन इससे पहले इतनी भीड़ और भगदड़ कभी नहीं देखी थी। प्लेटफॉर्म नंबर 12 से एक ट्रेन का प्रस्थान था, लेकिन अचानक उसे प्लेटफॉर्म नंबर 16 पर शिफ्ट कर दिया गया। इससे वहां खड़ी भीड़ अफरातफरी में प्लेटफॉर्म 16 तक पहुंचने के लिए दौड़ने लगी और भगदड़ मच गई’।
उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर 15 शवों को बाहर निकाला और एम्बुलेंस में रखा। पूरे प्लेटफॉर्म पर केवल जूते और कपड़े पड़े हुए थे, हमनें पुलिस और दमकल विभाग को बुलाया और घायलों को अस्पताल पहुंचाया। यह घटना इतनी भयावह थी कि घटना के बाद वह कुछ भी खा नहीं सके।
जान बचाने के लिए फुटओवर ब्रिज से कूदे लोग
हादसे के बाद कई यात्रियों ने जान बचाने के लिए प्लेटफॉर्म शेड से कूदने की कोशिश की। कुछ लोग फुटओवर ब्रिज से कूद पड़े, जिससे कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। प्लेटफॉर्म पर बिखरी चीजों को हटाने का काम जारी है और स्टेशन पर अफरातफरी का माहौल बना हुआ है।
पुलिस की जांच और रेलवे प्रशासन की लापरवाही
दिल्ली पुलिस ने हादसे की जांच के लिए रेलवे स्टेशन के सभी सीसीटीवी फुटेज खंगालने का फैसला किया है। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि भगदड़ की असल वजह क्या थी और अनाउंसमेंट में क्या गलती हुई थी, जिससे इतनी बड़ी घटना घटी।
इस घटना ने रेलवे के भीड़ प्रबंधन को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। कई प्रत्यक्षदर्शियों ने आरोप लगाया कि अगर प्लेटफॉर्म पर रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और रेलवे प्रशासन मुस्तैद होते, तो इस हादसे को टाला जा सकता था। यात्रियों ने यह भी सवाल उठाया कि जब ट्रेनें सीमित थीं, तो जनरल टिकटों की इतनी बेतहाशा बिक्री क्यों की गई, जिससे भीड़ और बढ़ गई।
रेलवे ने जांच के आदेश दिए
रेलवे मंत्रालय ने भी इस हादसे के संबंध में अपनी जांच के आदेश दे दिए हैं। मंत्रालय ने हादसे के कारणों की पूरी जांच करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उचित कदम उठाने की बात कही है। वहीं, दिल्ली सरकार ने भी इस मुद्दे पर ध्यान देने और पीड़ितों के परिवारों को हरसंभव मदद देने का आश्वासन दिया है।
इस दर्दनाक घटना ने रेलवे के भीड़ प्रबंधन, अनाउंसमेंट और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। रेलवे प्रशासन को चाहिए कि इस घटना से सीख लेकर भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए। इसके साथ ही, यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए और अधिक ध्यान दिया जाए।