रांची: झारखंड के लिए 4 जुलाई, 2025 का दिन एक उपलब्धि लेकर आ रहा है। रांची में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक को-ऑपरेशन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट (NIPCCD) के नए रीजनल सेंटर का उद्घाटन किया जाएगा। इसके साथ ही, संस्थान का नाम बदलकर अब सवित्रीबाई फुले राष्ट्रीय महिला एवं बाल विकास संस्थान रख दिया गया है। यह कदम देश की महान समाज सुधारक सवित्रीबाई फुले को एक सच्ची श्रद्धांजलि माना जा रहा है।
महिला एवं बाल विकास मंत्री की दूरदर्शिता
इस बदलाव और नए केंद्र की स्थापना के पीछे महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी की दूरदर्शिता और संकल्प है। झारखंड, बिहार, ओडिशा और बंगाल को मिलेगा लाभ
रांची में खुलने वाला यह नया क्षेत्रीय केंद्र विशेष रूप से झारखंड, बिहार, ओडिशा और पश्चिम बंगाल जैसे पूर्वी राज्यों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए विकसित किया गया है।
प्रशिक्षण के लिए नहीं जाना होगा लखनऊ-गुवाहाटी
पहले इन राज्यों के फील्ड वर्कर्स को गुवाहाटी और लखनऊ जैसे दूरस्थ क्षेत्रों में प्रशिक्षण के लिए जाना पड़ता था, जिससे समय और संसाधनों की भारी बर्बादी होती थी। इस नए केंद्र के जरिए मिशन शक्ति, मिशन वात्सल्य, और मिशन सक्षम आंगनवाड़ी एवं पोषण 2.0 जैसी योजनाओं को जमीनी स्तर पर मजबूती मिलेगी।
115 जिलों के सात लाख वर्कर्स को मिलेगा लाभ
अनुमान है कि इन चार राज्यों के 115 जिलों में सात लाख से अधिक फील्ड फंक्शनरीज़ कार्यरत हैं, जिन्हें अब गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण व मार्गदर्शन रांची में ही सुलभ होगा।
प्रशिक्षण के साथ डिप्लोमा कोर्स का अवसर
यह केंद्र न केवल प्रशिक्षण और अनुसंधान को बढ़ावा देगा बल्कि यहां “चाइल्ड गाइडेंस एंड काउंसलिंग में एडवांस डिप्लोमा” पाठ्यक्रम भी संचालित किया जाएगा। इसके जरिए मानसिक स्वास्थ्य, किशोर विकास और बाल कल्याण से संबंधित सेवाओं को नई दिशा मिलेगी।
विकसित भारत @2047 की ओर एक और कदम
केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि “यह केवल एक नाम परिवर्तन नहीं है, बल्कि महिला और बाल केंद्रित विकास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक है।” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि “विकसित भारत @2047” के लक्ष्य की ओर कोई महिला या बच्चा पीछे न छूटे। रांची का यह नया केंद्र न सिर्फ क्षेत्रीय स्तर पर प्रशिक्षण को बढ़ावा देगा बल्कि स्थानीय मुद्दों की पहचान, स्थान विशेष के अनुसार हस्तक्षेप, और संसाधनों के बेहतर उपयोग में भी मददगार सिद्ध होगा।
संस्थान की वर्तमान स्थिति और भूमिका
नई दिल्ली स्थित मुख्यालय के अलावा वर्तमान में बेंगलुरु, गुवाहाटी, लखनऊ, इंदौर और मोहाली में इसके क्षेत्रीय केंद्र कार्यरत हैं। यह संस्थान महिला एवं बाल विकास क्षेत्र में प्रशिक्षण, शोध, दस्तावेजीकरण और क्षमता निर्माण का शीर्ष निकाय है। इसके ऑनलाइन और फिजिकल ट्रेनिंग प्रोग्राम्स विभिन्न फ्लैगशिप योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में सहायक सिद्ध हो रहे हैं।
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