बिहारशरीफ: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पश्चिम बंगाल की अपनी समकक्ष ममता बनर्जी द्वारा समयपूर्व लोकसभा चुनाव कराये जाने की आशंका जताये जाने पर सहमति जताते हुए मंगलवार को कहा कि वह पिछले सात-आठ महीने से ऐसी ही भविष्यवाणी कर रहे थे। जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के शीर्ष नेता नीतीश ने हाल में दावा किया था कि विपक्षी गठबंधन इंडिया में और अधिक दल शामिल हो सकत हैं। उन्होंने हालांकि, किसी दल का नाम नहीं लिया था लेकिन कहा था कि मेरा प्रयास भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के खिलाफ जितना संभव हो सके उतने लोगों को एक साथ लाना है।
विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ और मजबूत होगा :
नालंदा में नालंदा मुक्त विश्वविद्यालय (एनओयू) के नवनिर्मित परिसर का उद्घाटन करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए नीतीश ने कहा कि हमने विपक्षी दलों के बीच एकता की पहल की है। 31 अगस्त और एक सितंबर को मुंबई बैठक के बाद विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ और मजबूत होगा। नीतीश ने कहा कि मैं पिछले सात-आठ महीनों से कह रहा हूं कि केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार विपक्षी एकता के कारण भाजपा को अधिक नुकसान होने के डर से समय से पहले लोकसभा चुनाव करा सकती है।
मुझे अपने लिए कोई इच्छा नहीं है…
यह टिप्पणी पत्रकारों के सवालों पर की जिन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की नवीनतम टिप्पणी पर उनके विचार मांगे थे। तृणमूल कांग्रेस की युवा शाखा की एक रैली को संबोधित करते हुए बनर्जी ने सोमवार को कोलकाता में कहा था कि मुझे आशंका है कि वे (भाजपा) दिसंबर 2023 में ही लोकसभा चुनाव करा सकते हैं। नीतीश ने आगे कहा कि इस बात की प्रबल संभावना है कि आम चुनाव पहले हो सकते हैं। इसलिए, आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने के लिए सभी विपक्षी दलों को एक साथ आना चाहिए। मैं एक बार फिर दोहरा रहा हूं कि मुझे अपने लिए कोई इच्छा नहीं है… मेरी कोई व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा नहीं है। मेरी एकमात्र इच्छा 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले अधिकतम संख्या में दलों (भाजपा के विरोध में) को एकजुट करना है।
31 अगस्त और एक सितंबर को मुंबई में तीसरी बैठक :
अगले साल के लोकसभा चुनाव में केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा का संयुक्त रूप से मुकाबला करने के लिए गठित 26 दलीय विपक्षी गठबंधन की एक महीने से भी कम समय में दो बार (पहली बार 23 जून को पटना में और फिर 17 जुलाई को बेंगलुरु में) बैठक हो चुकी है। आगे की बातचीत के लिए विपक्षी गठबंधन 31 अगस्त और एक सितंबर को मुंबई में अपनी तीसरी बैठक आयोजित करने वाले हैं।
जल्द ही प्रकाशित होगी सर्वेक्षण रिपोर्ट :
उच्चतम न्यायालय में बिहार जाति सर्वेक्षण को लेकर केंद्र द्वारा अपने हलफनामे किये गए सुधार पर टिप्पणी करते हुए, नीतीश ने कहा कि शुरू से ही, हमने यह स्पष्ट कर दिया था कि हमारा कार्य जाति आधारित सर्वेक्षण करना था। जनगणना कराना केंद्र का काम है। उन्होंने कहा कि राज्य में जाति आधारित गणना की कवायद पूरी हो चुकी है। अब आंकड़ा संकलित किया जा रहा है और इसे जल्द ही प्रकाशित किया जाएगा। नीतीश ने कहा कि अंतिम आंकड़ा सरकार को वंचित लोगों सहित समाज के विभिन्न वर्गों के विकास के लिए काम करने में सक्षम बनायेगा। इससे हमें यह जानने में मदद मिलेगी कि किन क्षेत्रों में विकास की जरूरत है। विस्तृत आंकड़ा प्रकाशित होने दीजिए, मुझे यकीन है कि अन्य राज्य भी इसका अनुसरण करेंगे।
दशकीय जनगणना को लेकर केंद्र चुप क्यों ?
जाति आधारित गणना का विरोध करने वाले दलों के बारे में नीतीश ने कहा कि जाति आधारित सर्वेक्षण कराने का निर्णय राज्य में भाजपा सहित सभी राजनीतिक दलों के नेताओं की सहमति के बाद लिया गया था। अब मैं इस बात पर ध्यान नहीं दे रहा हूं कि वो क्या कह रहे हैं। दशकीय जनगणना में हो रही देरी पर केंद्र चुप्पी क्यों साधे हुए है। उक्त जनगणना 2021 में पूरा हो जाना चाहिए था।