नई दिल्ली : : दिल्ली में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (AAP), बीजेपी और कांग्रेस, सभी पार्टियां अपनी चुनावी रणनीति पर काम कर रही हैं और लोगों से संपर्क करने में लगी हैं। इस बीच, दिल्ली चुनाव को लेकर चल रही गठबंधन की अटकलों पर आम आदमी पार्टी ने स्पष्ट रूप से विराम लगा दिया है। पार्टी ने साफ कर दिया है कि वह दिल्ली विधानसभा चुनाव में किसी भी अन्य राजनीतिक दल से गठबंधन नहीं करेगी और सभी 70 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी।
गठबंधन से इंकार, त्रिकोणीय मुकाबला तय
आम आदमी पार्टी के नेताओं ने इस बात की पुष्टि की है कि वे दिल्ली में विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेंगे और किसी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेंगे। इसका मतलब यह है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में मुख्य मुकाबला त्रिकोणीय होने जा रहा है। यहां अब आम आदमी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला होगा। AAP के सूत्रों के अनुसार, पार्टी ने अपने सभी 70 उम्मीदवारों के नाम तय करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है और जल्द ही उम्मीदवारों की सूची जारी की जाएगी।
AAP ने 11 उम्मीदवारों की लिस्ट की घोषणा
आम आदमी पार्टी ने अब तक 11 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया है। इनमें से 6 उम्मीदवार वह हैं जो हाल ही में कांग्रेस और बीजेपी छोड़कर AAP में शामिल हुए थे। यह सूची इस बात का संकेत है कि पार्टी उन नेताओं को टिकट देने के लिए तैयार है जो अन्य दलों से आकर AAP में शामिल हुए हैं। इनमें दो ऐसे नेता भी हैं जो पहले बीजेपी के विधायक रह चुके हैं। पार्टी के इस कदम से यह भी स्पष्ट होता है कि आम आदमी पार्टी अपने चुनावी मैदान में मजबूत उम्मीदवारों को उतारने में जुटी है, चाहे वह किसी भी पार्टी से क्यों न आए हों।
कांग्रेस और AAP का गठबंधन नहीं हो पाया
दिल्ली में AAP और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर कई बार चर्चाएं हुईं, लेकिन दोनों पार्टियों के बीच सहमति नहीं बन पाई। पहले हरियाणा विधानसभा चुनाव में AAP ने कांग्रेस के साथ गठबंधन करने की कोशिश की थी, लेकिन बात नहीं बनी और दोनों दलों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा। दिल्ली विधानसभा चुनाव के संदर्भ में भी हाल ही में आम आदमी पार्टी ने गठबंधन से इंकार कर दिया है। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि राष्ट्रीय स्तर पर ‘INDIA’ गठबंधन में दोनों दल बने रहेंगे, लेकिन दिल्ली में AAP अकेले चुनाव लड़ेगी।
2019 लोकसभा चुनाव में हुआ था गठबंधन
यहां ध्यान देने वाली बात है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने दिल्ली और हरियाणा में गठबंधन के तहत चुनाव लड़ा था। दिल्ली में कांग्रेस और AAP का गठबंधन नहीं चल पाया और बीजेपी ने उस चुनाव में दिल्ली की सभी सात सीटों पर जीत दर्ज की थी। वहीं, आम आदमी पार्टी न केवल दिल्ली, बल्कि हरियाणा में भी अपना खाता नहीं खोल पाई थी। इस बार के विधानसभा चुनाव में AAP ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है कि वह अकेले चुनाव लड़ेगी और किसी भी गठबंधन में शामिल नहीं होगी।
भविष्य में क्या होगा?
दिल्ली विधानसभा चुनाव में गठबंधन के सवाल पर आम आदमी पार्टी ने अपने फैसले से यह स्पष्ट कर दिया है कि पार्टी अपने बलबूते पर चुनावी मैदान में उतरेगी। दिल्ली में त्रिकोणीय मुकाबले की स्थिति बनने से आम आदमी पार्टी के सामने एक बड़ी चुनौती होगी, क्योंकि बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टी अपने चुनावी दांव-पेंच में पूरी तरह से सक्रिय हैं। वहीं, आम आदमी पार्टी के लिए यह चुनावी मुकाबला महत्वपूर्ण है, क्योंकि वह दिल्ली में अपनी सत्ता को बचाने और अन्य राज्यों में अपनी राजनीतिक पकड़ मजबूत करने के प्रयास में है।
महाराष्ट्र के बाद अब दिल्ली पर निगाहें
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के साथ लोकतंत्र का एक बड़े उत्सव का समापन हुआ। अब भाजपा व आम आदमी पार्टी सहित सभी राजनीतिक दलों की नजरें दिल्ली की ओर हैं। इस सब के बीच, दिल्ली विधानसभा चुनाव 2024 में राजनीतिक दलों के लिए एक बड़ा उत्सव होगा, जिसमें हर पार्टी अपने-अपने तरीके से जनता को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए हर संभव कोशिश करेगी।
Read Also- BJP : महाराष्ट्र में शपथ ग्रहण की तिथि तय कर BJP ने एकनाथ शिंदे को दिया अहम संकेत