नई दिल्ली: No need to conduct NEET again: केंद्र सरकार ने नीट- यूजी की परीक्षा को रद्द करने की मांग का विरोध किया है। केंद्र सरकार और NTA ने नीट- यूजी, 2024 की परीक्षा को रद्द करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में हलफनामे में यह बात कही कि यदि परीक्षा को पूरी तरह से रद्द कर दिया जाता है, तो इसका प्रभाव उन लाखों अभ्यर्थियों पर पड़ेगा, जिन्होंने ईमानदारी और बिना किसी अनुचित तरीके को अपनाते हुए परीक्षा दी।
NEET-UG: लाखों अभ्यर्थियों के साथ होगा अन्याय
केंद्र सरकार द्वारा नीट- यूजी के संबंध में दायर याचिकाओं के जवाब में हलफनामे में यह बातें कही गई कि लाखों अभ्यर्थियों ने ईमानदारी और मेहनत से यह परीक्षा दी थी। अब यह उनके साथ अन्याय होगा। “अखिल भारतीय परीक्षा में गोपनीयता भंग होने के कोई सबूत नहीं मिलने पर परीक्षा और उसके घोषित परिणामों को रद्द करना तर्कसंगत नहीं है।”
NEET-UG: अभ्यर्थियों के हितों को खतरे में नहीं डाल सकते
केंद्र सरकार ने अपने हलफनामे में यह कहा है कि किसी भी परीक्षा में प्रतिस्पर्धी अधिकार होते हैं और कोई अनुचित साधन अपनाए बगैर बड़ी संख्या में परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों के हितों को खतरे में नहीं डाला जाना चाहिए।
NEET-UG: सौंपी गई है सीबीआई को जांच
केंद्र सरकार ने यह कहा है कि सार्वजनिक परीक्षाओं में पारदर्शिता को सुनिश्चित करने के लिए सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 को लागू किया गया है। जो कुछ भी अनियमितताओं से संबंधित मामले सामने आए हैं, उनकी जांच सीबीआई को सौंप दी गई है।
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