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बाबा रामदेव और आचार्य बालाकृष्ण के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी

पतंजलि के विज्ञापनों ने अवैध रूप से दावा किया कि उनके उत्पाद इन बीमारियों का इलाज कर सकते हैं।

by Reeta Rai Sagar
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पलक्कड़ : केरल के पलक्कड़ में एक अदालत ने बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। दोनों पर आऱोप है कि वे एक आपराधिक मामले में अदालत में पेश नहीं हुए। यह मामला उनके द्वारा स्वास्थ्य संबंधी गलत विज्ञापनों को प्रसारित करने से जुड़ा है।

दोनों ही कोर्ट में पेश नहीं हुए

अदालत ने पहले 1 फरवरी को उनकी हाजिरी के लिए जमानती वारंट जारी किया था, लेकिन वे दोनों अदालत में उपस्थित नहीं हुए, जिसके बाद अदालत ने मामले को गंभीरता से लेते हुए गैर जमानती वारंट जारी किया। अब मामले की अगली सुनवाई 15 फरवरी को तय की गई है। इससे पहले, उसी अदालत ने 16 जनवरी को उनके उपस्थित होने के लिए समन जारी किया था, लेकिन उनकी अनुपस्थिति के कारण जमानती वारंट जारी किया गया था।

गलत विज्ञापनों का गलत दावा

पलक्कड़ के ज्यूडिशियल फर्स्ट क्लास मजिस्ट्रेट-II ने अब बाबा रामदेव और उनके सहयोगी आचार्य बालकृष्ण और उनकी कंपनी पतंजलि आयुर्वेद की मार्केटिंग शाखा दिव्य फार्मेसी के खिलाफ गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। यह मामला गलत विज्ञापनों से संबंधित है, जिसमें पतंजलि के उत्पादों को उच्च रक्तचाप और मधुमेह का इलाज करने का दावा किया गया था।

पतंजलि के खिलाफ पहले के भी कई मामले है लंबित

यह मामला अक्टूबर 2024 में पलक्कड़ के ड्रग्स इंस्पेक्टर द्वारा दवाओं और जादुई इलाज (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, 1954 के तहत दायर किया गया था। इसमें आरोप लगाया गया कि पतंजलि के विज्ञापनों ने अवैध रूप से दावा किया कि उनके उत्पाद इन बीमारियों का इलाज कर सकते हैं। इसके अलावा, कोझीकोड (केरल) और हरिद्वार (उत्तराखंड) में इसी तरह के मामले लंबित हैं और कई समन भी जारी किए जा चुके हैं।

बाबा रामदेव पहले भी मांग चुके है माफी

केरल के ड्रग्स इंस्पेक्टर द्वारा दायर शिकायत में दिव्य फार्मेसी को पहला आरोपी, आचार्य बालकृष्ण को दूसरा और बाबा रामदेव को तीसरा आरोपी बनाया गया है। गौरतलब है कि पतंजलि आयुर्वेद पहले भी misleading विज्ञापनों को लेकर कानूनी चुनौतियों का सामना कर चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी के खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी किया था, जिसमें उन्होंने आधुनिक चिकित्सा, विशेषकर आयुर्वेद के खिलाफ अपमानजनक बयान दिए थे और विभिन्न बीमारियों के इलाज के बारे में अप्रमाणित दावे किए थे। यह मामला अंततः खारिज कर दिया गया था, जब बाबा रामदेव, बालकृष्ण और पतंजलि आयुर्वेद ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी थी।

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