चाईबासा : पश्चिमी सिंहभूम जिले कि दुर्गम व घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शामिल सारंडा एक बार फिर चर्चा में आया है। इस बार फिर कुख्यात माओवादी नक्सली मोछू उर्फ मेहनत अपने खूंखार मारक दस्ते के साथ सारंडा में घुसा है। चर्चा है कि चार से पांच दिन पूर्व वह सारंडा में आया है। हालांकि इसकी कहीं से भी कोई अधिकारी पुष्टि नहीं है। लेकिन चर्चा का विषय है कि मोछू को जिले भर में लोग दुर्दांत माओवादी नक्सली के रूप में जानते हैं।
माओवादी नक्सलियों की शतरंजी चाल के विषय में जानकारी रखने वाले एक सेवानिवृत्त अधिकारी बताते हैं कि मोछू का आगमन अकारण नहीं हो सकता है। जिले में लगातार पुलिस की गतिविधि नक्सलियों को लगाम कसने के बाद कमजोर पड़ रहे नक्सलियों की बेहतरी की राह तलाशने की मजबूरी ही उसे सारंडा खींच लाई है।
जानकारी के अनुसार माेछू के आने का अर्थ यह भी है कि पक्षिमी सिंहभूम जिले से आने वाले दिनों में कई घटनाक्रमों का गवाह बन सकता है।बताते चलें कि पिछले कई माह से सुरक्षा बलों से बचने की राह तलाशते नक्सलियों ने जिले के खासकर टोन्टो और गोईलकेरा थाना क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों व जंगलों में बारूदी सुरंगें समेत भांति भांति के विस्फोटक बिछा दिए हैं।
इसकी चपेट में आकर दर्जन भर से अधिक ग्रामीण के साथ पुलिस वाले भी शहीद हो गए। कई ने अपने अंग तक गंवा दिए।बहरहाल, ताजा घटनाक्रम से एक ओर जहां ग्रामीण हलकान हैं, वहीं सुरक्षा बलों ने भी अपनी तैयारियां चाक-चौबन्द कर रखी हैं। अब देखना यह है कि नक्सलियों ने सारंडा की बिसात पर किस शतरंजी चाल को लेकर ये सारी कवायद की है।
बहरहाल नक्सली सारंडा में अपनिखोया हुआ जनाधार को पाना चाहते हैं। इसलिए संगठन में बदलाव के साथ नई जिम्मेदारी और अपनी गतिविधि को तेज कर सकते हैं। हालांकि इस सूचना के बाद पुलिस को अभी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि पुलिस अब नक्सलियों का खात्मा करने के लिए प्लान बनाकर काम कर रही है।