पटना। पॉपुलर रैपर यो यो हनी सिंह के एक गाने के बाद से ही राज्यभर में हंगामा मचा हुआ है। इसके कुछ दिन बाद, बिहार पुलिस ने “अश्लील” भोजपुरी गानों के सार्वजनिक प्रसारण पर कार्रवाई करने का आदेश दिया है। 7 मार्च के आदेश के अनुसार, ये गाने महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान को नुकसान पहुंचाते हैं।
“अश्लील” गानों की रोक के लिए विशेष अभियान चलाने का दिया आदेश
बिहार के एडीजीपी अमित कुमार जैन द्वारा जारी किए गए एक आदेश में वरिष्ठ अधिकारियों से विशेष अभियान चलाने और “अश्लील” गानों के प्रसारण को खत्म करने के लिए एफआईआर दर्ज करने को कहा गया है। यह आदेश बिहार के सभी क्षेत्रीय इंस्पेक्टर जनरल (आईजी) और डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल (डीआईजी) को संबोधित करते हुए कहा गया है।
जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि आप सभी को आदेश दिया जाता है कि अपने-अपने क्षेत्रों में अश्लील भोजपुरी गानों के प्रसारण को पूरी तरह से खत्म करने के लिए विशेष अभियान चलाएं, ऐसे मामलों की पहचान करें और सभी अधीनस्थों को भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 296/79 और अन्य संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दें।” जहां धारा 279 अश्लील कृत्य और गाने से संबंधित है, वहीं धारा 79 महिलाओं की शील का अपमान करने वाली शब्द, इशारा या कृत्य से संबंधित है।
नकारात्मक प्रभाव डालते हैं अश्लील गाने
इस आदेश में कहा गया है कि ऐसे गाने, जो बेझिजक और बिना रुकावट के प्रसारित होते हैं, नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। इस आदेश में सभी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों (SSP), पुलिस अधीक्षकों (SP), रेलवे पुलिस सहित सभी से सार्वजनिक स्थानों पर अभियान चलाने को कहा गया है।
एडीजीपी ने कहा कि ये सस्ते और द्विअर्थी भोजपुरी गाने महिलाओं के प्रति असम्मान की संस्कृति को बढ़ावा देते हैं, जिससे महिलाएं असुरक्षित महसूस करती हैं या किसी न किसी रूप में शर्मिंदगी का अनुभव करती हैं। इसके अलावा, ये गाने बच्चों को गलत संदेश देते हैं, जो उनके व्यवहार को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं।
अभिनेत्री ने पटना SC में पीआईएल दायर की थी
गौरतलब है कि अभिनेत्री नीतू चंद्रा ने पटना उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की थी, जिसमें दावा किया गया था कि लोकप्रिय रैपर हनी सिंह सहित कई सहयोगियों ने ‘मैनियाक’ गाना गाया है। अभिनेत्री के अनुसार, उनकी 2016 की फिल्म ‘मिथिला मखान’ ने मैथिली भाषा की फिल्म के लिए पहला राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता था, इस गीत ने महिलाओं को ऑब्जेक्टिफाई किया, अश्लीलता को सामान्य करने के लिए भोजपुरी भाषा का इस्तेमाल किया और महिला सशक्तिकरण को खिड़की से बाहर फेंक दिया।