भुवनेश्वर : ओडिशा की राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री प्रमिला मलिक ने मंगलवार को कहा कि राज्य सरकार सांप पकड़ने वाले पंजीकृत लोगों को बीमा प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग प्रीमियम का भुगतान करेगा जबकि ओडिशा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ओएसडीएमए) सांप पकड़ने वालों को प्रशिक्षण प्रदान करेगा।
मंत्री ने कहा कि वन एवं पर्यावरण विभाग से विस्तृत प्रस्ताव आ जाने के बाद प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हो जाएगा। सांपों को बचाने और उनका पुनर्वास कराने वाली संस्था ‘स्नेक हेल्पलाइन’ ने इस फैसले का स्वागत किया है। स्नेक हेल्पलाइन के महासचिव सुभेंदु मलिक ने कहा कि जहरीले सांपों को पकड़ने या संभालने से मृत्यु और स्थायी दिव्यांगता हो सकती है।
सरकार का यह निर्णय स्वागत योग्य है। हालांकि, सांप और बचाव दल दोनों की सुरक्षा के लिए कुछ और कदम उठाने की आवश्यकता है। सरकार ने पिछले महीने सांप पकड़ने वाले पंजीकृत लोगों के लिए आवासीय इलाकों से सांपों के बचाव के वास्ते दिशानिर्देश जारी किए थे।
ओडिशा में सांप के काटने की घटनाएं आम हैं और सरकार ने वर्ष 2015 में इसे राज्य आपदा घोषित किया था। राज्य में कुल आपदाओं में हुई मौतों में से लगभग 40 प्रतिशत मौत सांप के काटने से होती हैं।
राज्य में वर्ष 2015 से 2022 तक सांप के काटने से 6,351 लोगों की मौत हुई और इस साल जनवरी से जुलाई तक 34 लोगों की मौत हुई है।
खुर्दा के जटणी में रहने वाले लोगों को पट्टा देगी ओडिशा सरकार :
ओडिशा सरकार ने खुर्दा के जिलाधिकारी को जटणी इलाके में खासमहल जमीन विवाद को दिसंबर तक हल करने के लिए शुरुआती कदम उठाने का निर्देश दिया है ताकि लोगों को पट्टा दिया जा सके। मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि मुख्य सचिव पीके जेना की अध्यक्षता में सोमवार को हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में यह फैसला लिया गया।
खासमहल जमीन, राज्य सरकार के सीधे प्रबंधन में आती है लेकिन दशकों से वहां बिना उचित दस्तावेजों के ग्रामीणों का कब्जा है। बयान के मुताबिक, जिलाधिकारी के. सुदर्शन चक्रवर्ती को तीन महीने के भीतर जमीन से संबंधित मुद्दे का स्थायी हल निकालने और दिसंबर में लोगों को पट्टा वितरित करने के लिए कदम उठाने को कहा गया है। बयान में कहा गया कि इस फैसले से 537 परिवारों को फायदा होगा।