- मेगा ब्लॉक वापस लेने के बावजूद नहीं चलाई गईं आठ महत्वपूर्ण यात्री ट्रेनें
- रेल यात्रियों को हुआ बड़ा नुकसान, कई का छूटा रोजगार, तो कई हुए परेशान
चक्रधरपुर/ राजेश्वर पांडेय : चक्रधरपुर रेल मंडल में रेल अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा रेल यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है। रेलवे ने ट्रेन चलाने के नाम पर रेल यात्रियों को अब धोखा भी देना शुरू कर दिया है। ऐसा ही एक मामला चक्रधरपुर रेल मंडल में देखने को मिला है। चक्रधरपुर रेल मंडल के सोनुआ और चक्रधरपुर रेलवे स्टेशन में फुटओवर ब्रिज निर्माण कार्य को लेकर मंगलवार को पांच घंटे का मेगा ब्लॉक लेने की घोषणा की गई थी।
इसके लिए रेलवे ने आठ महत्वपूर्ण यात्री ट्रेनों का परिचालन मंगलवार को रद्द कर दिया था, लेकिन हैरत की बात यह है कि मंगलवार को न तो फुटओवर ब्रिज निर्माण कार्य के लिए किसी प्रकार का कोई कार्य हुआ, ना किसी प्रकार का मेगा ब्लॉक लिया गया।
चक्रधरपुर रेल मंडल के यात्रियों के लिए हैरान और परेशान करने वाली सबसे बड़ी बात यह रही की मेगा ब्लॉक नहीं लेने और निर्माण कार्य नहीं होने के बावजूद भी आठ महत्वपूर्ण यात्री ट्रेनों का परिचालन चक्रधरपुर रेल मंडल में नहीं किया गया। जानकारी मिली है कि सोमवार की देर रात 11 बजे रेलवे ने पूर्व घोषित मंगलवार के मेगा ब्लॉक को वापस लेते हुए रद्द कर दिया था। लेकिन मेगा ब्लॉक रद्द करने के बावजूद ट्रेनों को रद्द करने के आदेश को वापस लेने की जहमत रेलवे के अधिकारियों ने नहीं उठाई। नतीजा यह हुआ कि ट्रेनें रद्द रह गईं।
इन ट्रेनों का नहीं हुआ परिचालन
रेलवे की इस लापरवाही से चक्रधरपुर रेल मंडल में ट्रेन संख्या 22861 / 12872 हावड़ा कांटाबाजी टिटलागढ़ हावड़ा इस्पात एक्सप्रेस, ट्रेन संख्या 08163 / 08164 चक्रधरपुर राउरकेला चक्रधरपुर मेमू, ट्रेन संख्या 08145 / 08146 राउरकेला टाटा राउरकेला मेमू, ट्रेन संख्या 18110 18109 इतवारी टाटा इतवारी एक्सप्रेस जैसी आठ महत्वपूर्ण ट्रेनों का परिचालन नहीं हो पाया। यात्रियों के मुताबिक यह सभी ट्रेनें आम लोगों के यात्रा का सबसे महत्वपूर्ण ट्रेनें हैं। इनके नहीं चलने से नौकरीपेशा से लेकर दिहाड़ी मजदूरी करने वाले, शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्र, इलाज के लिए सफ़र करने वाले मरीज और आम रेल यात्री ट्रेनों में सफ़र करने से वंचित हो गए। इससे कई लोगों का दिहाड़ी रोजगार भी छिन गया।
अपरिहार्य कारणों से वापस लिया गया मेगा ब्लॉक : डीसीएम
ब्लॉक वापस लेने के बावजूद यात्री ट्रेन नहीं चलने के इतनी बड़ी लापरवाही का जिम्मेदार कौन है यह तो रेलवे के वरीय पदाधिकारी ही बता पाएंगे। लेकिन आश्चर्य की बात यह भी है कि खुद चक्रधरपुर रेल मंडल के सीनियर डीसीएम आदित्य चौधरी को भी यह पता नहीं था कि रद्द की गई ट्रेनें मंगलवार को नहीं चलाई गईं।
उन्होंने बताया कि अपरिहार्य कारणों से मेगा ब्लॉक वापस लिया गया, जिसके कारण न तो फुट ओवर ब्रिज का काम हुआ और ना ही कोई ट्रेन मंगलवार को ब्लॉक के कारण रद्द रही। सीनियर डीसीएम ने कहा की सभी ट्रेनें रोज की तरह अपने निर्धारित समय पर चलाई गईं। लेकिन हकीकत यह है कि पूर्व निर्धारित सभी आठ ट्रेन मंगलवार को रद्द रहीं, उनमें से एक भी ट्रेन नहीं चलाई गई।
यात्रियों ने कहा-रेलवे का पूरा फोकस मालगाड़ी पर
आम यात्रियों का आरोप है कि चक्रधरपुर रेल मंडल के अधिकारी यात्री ट्रेन चलाने में कोई दिलचस्पी नहीं लेते हैं। रेल अधिकारियों का पूरा फोकस मालगाड़ी चलाने में रहता है। कायदे से जब ब्लॉक वापस लिया गया तो रद्द ट्रेन के आदेश को भी वापस लेकर ट्रेनों को सामान्य रूप से चलाना था। लेकिन इस मामले को अंधेरे में रखकर यात्रियों को धोखा देते हुए मेगा ब्लॉक के नाम पर यात्री ट्रेन नहीं चलाई गई।
जिसका फायदा यह हुआ कि चक्रधरपुर रेल मंडल में रेलवे ट्रैफिक पूरी तरह से खाली मिला और तेजी से मालगाड़ियों का परिचालन किया गया। लोग बताते हैं कि चक्रधरपुर रेल मंडल में आम दिनों की तुलना में मंगलवार को सबसे ज्यादा मालगाड़ियां चलाई गईं।