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“दीवार” और “शोले” की 50वीं वर्षगांठ पर जया भादुरी ने पीएम मोदी से की यह अपील-पढ़ें

शोले ने क्लासिक हिंदी सिनेमा के सभी तत्वों को समेटा, तो वहीं दीवार ने अमिताभ बच्चन को 'आग्नेय युवा व्यक्तित्व' के रूप में प्रस्तुत किया।

by Reeta Rai Sagar
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इंटरटेनमेंट डेस्कःअभिनेत्री व राजनेत्री जया भादुरी ने राज्यसभा में 50 साल पुराने बॉलीवुड के दो ऐतिहासिक फिल्में, शोले और दीवार की स्मारक डाक टिकटों के विमोचन की मांग की। दोनों फिल्मों में उनके पति, अमिताभ बच्चन ने मुख्य भूमिका निभाई थी। 2025-2026 के संघीय बजट पर चर्चा के दौरान, उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से अपील करते हुए फिल्म उद्योग की बेहतरी के लिए फंड आवंटित करने की भी मांग की।

जया भादुरी ने मोदी सरकार से आग्रह किया कि शोले और दीवार की 50वीं वर्षगांठ पर स्मारक डाक टिकट जारी किए जाए। उन्होंने भारतीय फिल्म धरोहर के संरक्षण के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि “यह पहल पीढ़ियों के बीच एक सांस्कृतिक सेतु का काम करेगी, भारतीय सिनेमा धरोहर को संरक्षित करने और सिनेमा को सांस्कृतिक पहचान बनाने में निभाए गए भूमिका को उजागर करेगी।

हिंदी सिनेमा की क्लासिक फिल्में, जिसने अमिताभ बच्चन को नायक बनाया

गौरतलब है कि शोले और दीवार दोनों फिल्में 1975 में रिलीज हुई थीं। इन फिल्मों में बिग बी ने मुख्य भूमिका निभाई थी, जिसने उन्हें फिल्म उद्योग में नई पहचान दिलाई थी और यह हिंदी सिनेमा में लैंडमार्क साबित हुई। शोले ने क्लासिक हिंदी सिनेमा के सभी तत्वों को समेटा, तो वहीं दीवार ने अमिताभ बच्चन को ‘आग्नेय युवा व्यक्तित्व’ के रूप में प्रस्तुत किया।

पहले भी फिल्मी दिग्गजों के नाम जारी किए जा चुके है डाक टिकट

हांला कि कई हिंदी फिल्म के दिग्गजों को डाक टिकटों पर अमर किया गया है। 1971 में पहला स्मारक डाक टिकट दादासाहेब फाल्के के सम्मान में जारी किया गया था, जिन्होंने भारत की पहली फीचर फिल्म राजा हरिशचंद्र (1913) बनाई थी। इसके बाद सत्यजीत रे, राज कपूर, मधुबाला, नरगिस, बिमल रॉय और यश चोपड़ा जैसे महान फिल्मी हस्तियों के डाक टिकट जारी किए गए।

अफसोस…पिछली सरकार ने भी यही किया

इससे पहले, 2025-26 के संघीय बजट पर चर्चा करते हुए जया भादुरी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से सीधे तौर पर फिल्म उद्योग की वित्तीय समस्याओं का उल्लेख किया और कहा कि “आपने पूरी तरह से एक उद्योग, फिल्म उद्योग को नजरअंदाज कर दिया है और अफसोस की बात है कि पिछली सरकारों ने भी यही किया है। लेकिन आज, आपके पास इसे अगले स्तर तक ले जाने का अवसर है।

क्या आप फिल्म उद्योग को समाप्त करना चाहते है

फिर उन्होंने कहा कि कैसे एकल स्क्रीन थियेटर भारत में धीरे-धीरे बंद हो रहे हैं। आजकल सिंगल स्क्रीन थियेटर बंद हो रहे हैं। लोग फिल्म हॉल में नहीं जा रहे हैं क्योंकि सब कुछ बहुत महंगा हो गया है। शायद आप इस उद्योग को पूरी तरह से खत्म करना चाहते हैं।

इसके बाद जया ने फिल्म उद्योग की ओर से एक भावनात्मक अपील की। उन्होंने कहा, “मैं अपनी फिल्म इंडस्ट्री की ओर से बोल रही हूं। ऑडियो-विजुअल उद्योग भारत को दुनिया से जोड़ता है। कृपया कुछ रहम करें। आप इस उद्योग को मारने की कोशिश कर रहे हैं। कृपया ऐसा मत करें।”

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