नई दिल्ली: पाकिस्तान पर भारतीय सेना द्वारा की गई ऑपरेशन सिंदूर की सर्जिकल स्ट्राइक का असर न केवल सुरक्षा और कूटनीति के स्तर पर दिखा, बल्कि इसका सीधा असर भारतीय रुपये पर भी पड़ा है। मंगलवार और बुधवार की दरम्यानी रात भारतीय सेना ने पाकिस्तान और POK में नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए, जिनमें बहावलपुर स्थित जैश-ए-मोहम्मद और मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा के अड्डे शामिल थे। हमलों के तुरंत बाद भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 31 पैसे गिरकर 84.66 पर आ गया।
बाजार में बढ़ी घबराहट, रुपया कमजोर
बुधवार के शुरुआती कारोबारी सत्र में इंटरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया 84.65 पर खुला, जो कुछ ही समय में 84.66 प्रति डॉलर तक लुढ़क गया। मंगलवार को यह 84.35 पर बंद हुआ था। इससे पहले रुपये में मजबूती देखी जा रही थी और यह 83 के स्तर तक आ गया था, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के बाद तनाव बढ़ने की आशंका से बाजार में घबराहट और अस्थिरता बढ़ गई है।
विशेषज्ञों की राय: अस्थिरता रहेगी लेकिन RBI करेगा दखल
फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स एलएलपी के ट्रेजरी हेड अनिल कुमार भंसाली ने कहा कि सैन्य हमलों के बाद आयातकों और सट्टेबाजों द्वारा डॉलर की खरीद देखी जा रही है, लेकिन हमें लगता है कि किसी भी बड़ी गिरावट को रोकने के लिए आरबीआई बीच में जरूर आएगा।” भंसाली के मुताबिक, विदेशी निवेशकों द्वारा कुछ बिकवाली हो सकती है लेकिन वे अभी स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दिनभर बाजार में घबराहट और उतार-चढ़ाव बना रहेगा।
डॉलर और कच्चे तेल में बढ़त
भारतीय रुपये की गिरावट के बीच वैश्विक स्तर पर डॉलर सूचकांक 0.30% की बढ़त के साथ 99.53 पर पहुंच गया है। वहीं, अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड ऑयल 0.68% बढ़कर 62.57 डॉलर प्रति बैरल पर रहा, जिससे भारत के आयात बिल पर भी दबाव बढ़ सकता है।
शेयर बाजार भी लाल निशान में
बाजार में तनाव का असर बीएसई सेंसेक्स और निफ्टी पर भी दिखा। सेंसेक्स 107.74 अंक गिरकर 80,533.33, जबकि निफ्टी 24.35 अंक फिसलकर 24,355.25 पर आ गया। हालांकि, एफआईआई ने मंगलवार को कुल 3,794.52 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे, जो बाजार में एक सकारात्मक संकेत है।