कोलकाता/पहलगाम: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान समर्थित आतंकियों द्वारा किए गए कायराना हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इन मृतकों में कोलकाता निवासी बितान अधिकारी भी शामिल थे, जो अमेरिका की प्रतिष्ठित आईटी कंपनी TCS में इंजीनियर के रूप में कार्यरत थे।
छुट्टियों पर भारत आए थे बितान अधिकारी
36 वर्षीय बितान अधिकारी हाल ही में अमेरिका से भारत लौटे थे और 16 अप्रैल को कश्मीर भ्रमण के लिए रवाना हुए थे। वे 24 अप्रैल को वापस कोलकाता लौटने वाले थे, लेकिन उससे पहले ही बैसरन इलाके में हुए आतंकी हमले में उनकी हत्या कर दी गई।
परिवार के सदस्य दीपक अधिकारी ने बताया कि बितान आर्थिक रूप से थोड़ी परेशानी में थे, इसीलिए उन्हें मानसिक शांति के लिए कश्मीर घूमने की सलाह दी गई थी।
धर्म पूछकर की गई हत्या, पढ़ने को कहा गया ‘कलमा’
इस जघन्य हमले में आतंकियों ने बितान को पहले ‘कलमा’ पढ़ने के लिए मजबूर किया और असफल होने पर बेरहमी से उनकी हत्या कर दी। यह हमला न केवल धार्मिक आधार पर की गई लक्षित हत्या को दर्शाता है, बल्कि आतंकियों की अमानवीय सोच को भी उजागर करता है।
सुभेंदु ने उठाई 3 वर्षीय बेटे की जिम्मेदारी
जब बितान का पार्थिव शरीर कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (दमदम एयरपोर्ट) पर पहुंचा, तो परिजनों की आंखें नम थीं और माहौल शोकाकुल था। इस दौरान पश्चिम बंगाल विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष सुभेंदु अधिकारी वहां पहुंचे और उन्होंने बितान के मासूम 3 वर्षीय बेटे को अपनी गोद में उठाया।
भावुक होते हुए उन्होंने घोषणा की कि वे अब बितान अधिकारी के बेटे की पूरी जिम्मेदारी उठाएंगे। उन्होंने कहा कि बितान को इसलिए मारा गया क्योंकि वह हिंदू था। उनका यह बयान सोशल मीडिया पर भी व्यापक रूप से साझा किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी का सख्त संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस निर्दोष हत्याकांड को लेकर बिहार से कड़ा संदेश देते हुए कहा कि “इस हमले के पीछे जो भी हैं, उन्हें दुनिया के किसी भी कोने से खोजकर सजा दी जाएगी।” सुरक्षा एजेंसियां इस वक्त अभूतपूर्व स्तर पर सर्च ऑपरेशन्स और खुफिया जांच में जुटी हैं।
सुभेंदु अधिकारी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा कि अत्यंत भारी मन से मैंने कोलकाता एयरपोर्ट के कार्गो होल्ड में श्री समीर गुहा और श्री बितान अधिकारी को श्रद्धांजलि दी, जो पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों की गोली से शहीद हुए। यह सिर्फ एक हमला नहीं था, बल्कि हिंदुओं को लक्षित कर की गई अमानवीय क्रूरता थी। भारत सरकार इस का प्रतिशोध जरूर लेगी।