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पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाक सीमा पर तनाव, पीएम मोदी आज करेंगे CCPA और CCS की अहम बैठकें

आज की CCPA और CCS बैठकें न सिर्फ राष्ट्रीय सुरक्षा बल्कि विदेश नीति और राजनीतिक रणनीतियों के लिहाज से भी निर्णायक मानी जा रही हैं।

by Reeta Rai Sagar
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नई दिल्ली : पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान सीमा पर लगातार बढ़ते तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज कई उच्चस्तरीय बैठकों की अध्यक्षता करने जा रहे हैं। इनमें इस सप्ताह की दूसरी कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक और कैबिनेट कमेटी ऑन पॉलिटिकल अफेयर्स (CCPA) की पहली बैठक शामिल है। इसके अलावा दिन में एक अन्य कैबिनेट बैठक भी आयोजित की जाएगी।

CCPA की बैठक क्यों है बेहद महत्वपूर्ण

कैबिनेट कमेटी ऑन पॉलिटिकल अफेयर्स (CCPA) को ‘सुपर कैबिनेट’ भी कहा जाता है, क्योंकि यह सरकार की सबसे प्रभावशाली समितियों में से एक है। यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब देश की आंतरिक सुरक्षा और कूटनीतिक रणनीतियां दोनों ही चुनौतीपूर्ण मोड़ पर हैं।
गौरतलब है कि पिछली बार CCPA की बैठक वर्ष 2019 में पुलवामा आतंकी हमले के बाद बुलाई गई थी, जिसमें 40 से अधिक CRPF जवान शहीद हुए थे। उस बैठक में पाकिस्तान से ‘मोस्ट फेवर्ड नेशन’ (MFN) का दर्जा वापस लेने और अन्य कड़े निर्णयों पर सहमति बनी थी। इसके कुछ ही दिनों बाद, 26 फरवरी को भारतीय वायुसेना ने बालाकोट में आतंकी शिविरों पर एयरस्ट्राइक की थी।

पीएम मोदी ने CCS बैठक में लिए थे बड़े फैसले

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाहलगाम आतंकी हमले के एक दिन बाद, 23 अप्रैल को CCS की पहली बैठक की अध्यक्षता की थी। इस बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ कई गैर-सैन्य उपायों की घोषणा की गई थी। इसमें सबसे बड़ा निर्णय सिंधु जल संधि को निलंबित करना था। इसके अलावा अटारी सीमा को बंद करने और भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों के सभी वीजा रद्द करने का फैसला भी लिया गया था।

CCPA क्या है और इसका कार्य क्या होता है

कैबिनेट कमेटी ऑन पॉलिटिकल अफेयर्स (CCPA) देश के राजनीतिक और आर्थिक मुद्दों पर निर्णय लेने वाली प्रमुख समिति है। यह विशेष रूप से केंद्र और राज्यों के बीच संबंधों को लेकर नीतिगत निर्णय लेती है। जब किसी संवेदनशील मुद्दे पर केंद्र और राज्य सरकारों के बीच समन्वय आवश्यक होता है, तब CCPA की भूमिका अहम होती है।

इसके अतिरिक्त, यह समिति विदेश नीति से जुड़े मामलों पर भी विचार करती है, जो देश की राजनीतिक स्थिति को प्रभावित कर सकते हैं। इसके साथ ही, यह आंतरिक सुरक्षा और आर्थिक रणनीतियों पर भी चर्चा करती है, जिनका सीधा प्रभाव राजनीति पर पड़ता है।

आज की बैठकों के संभावित एजेंडे

• पाकिस्तान के खिलाफ आगे की रणनीतिक कार्रवाइयों पर विचार
• देश की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा
• पड़ोसी देशों से जुड़े कूटनीतिक विकल्पों पर मंथन
• राज्यों के साथ समन्वय स्थापित करने की रणनीति
पहलगाम आतंकी हमले के बाद उत्पन्न हालात को देखते हुए आज की CCPA और CCS बैठकें न सिर्फ राष्ट्रीय सुरक्षा बल्कि विदेश नीति और राजनीतिक रणनीतियों के लिहाज से भी निर्णायक मानी जा रही हैं। पिछली घटनाओं के आधार पर इन बैठकों से कई बड़े निर्णय निकल सकते हैं, जो आने वाले दिनों में भारत की पाकिस्तान नीति को नई दिशा देंगे।

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