Home » JMM on Pahalgam attack : पहलगाम नरसंहार पर झामुमो ने कहा, आतंकवाद ने इंसानियत को रौंदा, केंद्र सरकार पर उठाए गंभीर सवाल

JMM on Pahalgam attack : पहलगाम नरसंहार पर झामुमो ने कहा, आतंकवाद ने इंसानियत को रौंदा, केंद्र सरकार पर उठाए गंभीर सवाल

by Anand Mishra
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

Ranchi : झारखंड की सत्ताधारी पार्टी, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए बर्बर आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करते हुए इसे इंसानियत की निर्मम हत्या करार दिया है। झामुमो के महासचिव विनोद कुमार पांडेय ने गुरुवार को अपने बयान में कहा कि इस घटना में सिर्फ हिंदू या मुस्लिम नहीं, बल्कि पूरी मानवता को निशाना बनाया गया है। पहलगाम में जिन पर्यटकों की हत्या की गई, उनमें विभिन्न धर्मों के लोग शामिल थे, जिनमें हिंदू, मुस्लिम और ईसाई सभी थे। उन्होंने इस घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और मानवता को शर्मसार करने वाला बताया।

नरसंहार की कड़ी निंदा व सख्त कार्रवाई की मांग

विनोद कुमार पांडेय ने इस नरसंहार की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि ऐसे घिनौने अपराधों की जितनी भी भर्त्सना की जाए, कम है। उन्होंने केंद्र सरकार से इस हमले के खिलाफ सख्त और निर्णायक कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि भारत सरकार को ऐसे कठोर कदम उठाने चाहिए, जिससे भविष्य में कोई भी आतंकवादी कश्मीर की ओर आंख उठाने की हिम्मत न कर सके।

सुरक्षा व्यवस्था पर उठाए गंभीर सवाल

उन्होंने पहलगाम को देश और दुनिया के पर्यटकों के लिए एक सुरक्षित और लोकप्रिय स्थल बताते हुए केंद्रीय सुरक्षा बलों की अनुपस्थिति पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जब यह स्थान इतना संवेदनशील और महत्वपूर्ण है, तो हमले के समय वहां सुरक्षा बलों की कमी पर्यटकों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगाती है। झामुमो नेता ने कहा कि इस हमले के बाद पूरे देश में शोक और आक्रोश का माहौल है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा में हुई इस गंभीर चूक का जवाब धर्म नहीं हो सकता, बल्कि यह एक प्रशासनिक विफलता है।

गृह मंत्री के इस्तीफे की मांग

विनोद कुमार पांडेय ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से नैतिकता के आधार पर तत्काल इस्तीफे की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने पुलवामा जैसे दर्दनाक घटनाओं से भी कोई सबक नहीं लिया। अगर सरकार ने सबक लिया होता, तो पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों का इस तरह से कत्लेआम नहीं होता।

फ्लाइट किराए में लूट का आरोप

उन्होंने बताया कि हमले के बाद स्थानीय कश्मीरियों – टैक्सी ड्राइवरों, होटल संचालकों और घुड़सवारों ने पर्यटकों की मदद कर उन्हें सुरक्षित घर पहुंचाने के लिए निःशुल्क व्यवस्था की। वहीं दूसरी ओर, दिल्ली से फ्लाइट किराए में भारी वसूली की गई, जिससे लोग आहत हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के खिलाफ कठोर कदम उठाने और पर्यटकों की सुरक्षा व्यवस्था में हुई चूक के सवालों का जवाब देने की मांग की।

Related Articles