Islamabad : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान में खलबली मची हुई है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) और सेना को आशंका है कि भारत कभी भी सैन्य कार्रवाई कर सकता है। इस आशंका के चलते, पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर के स्कूलों के खेल के मैदानों को तेजी से प्राथमिक चिकित्सा शिविरों में तब्दील किया जा रहा है।
बच्चों को युद्ध के लिए तैयार करने की कवायद?
पाकिस्तान के लगभग सभी प्रमुख समाचार पत्रों ने आज इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया है। जियो न्यूज और अन्य मीडिया माध्यमों से प्रसारित खबरों के अनुसार, इस कवायद का मुख्य उद्देश्य भारत के साथ युद्ध छिड़ने की स्थिति में बच्चों को प्रतिक्रिया देना सिखाना है। यह ध्यान देने योग्य है कि पाकिस्तान पहले ही यह दावा कर चुका है कि उसके पास विश्वसनीय खुफिया जानकारी है कि भारत आसन्न सैन्य हमले की योजना बना रहा है।
नियंत्रण रेखा के पास स्कूलों पर विशेष ध्यान
पाकिस्तानी अधिकारियों के अनुसार, सीमा के पाकिस्तान की ओर 6,000 से अधिक स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय स्थित हैं। इनमें से 1,195 संस्थान नियंत्रण रेखा (एलओसी) के करीब हैं। हाल ही में मुजफ्फराबाद के 13 स्कूलों में बच्चों को कथित तौर पर युद्ध के लिए प्रशिक्षण भी दिया गया है।
सेना प्रमुख का सीमावर्ती क्षेत्रों का दौरा
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की एक खबर के अनुसार, सेना प्रमुख जनरल सैयद असीम मुनीर को कल रावलपिंडी में देखा गया। उन्होंने टीला फील्ड फायरिंग रेंज का दौरा किया और सैनिकों से युद्ध की स्थिति में पीछे न हटने का आह्वान किया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने पाकिस्तान सेना की मंगला स्ट्राइक कोर के प्रशिक्षण अभ्यास का भी निरीक्षण किया।