सेंट्रल डेस्क : भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान को आतंकवाद का मुख्य समर्थक और उसके द्वारा संचालित आतंकी संगठनों के खिलाफ कड़ा संदेश दिया। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में भारत के स्थायी प्रतिनिधि (अंबेसडर) परवथानेनी हरीश ने पाकिस्तान को आतंकवाद के वैश्विक केंद्र के रूप में उजागर किया। उन्होंने पाकिस्तान पर आरोप लगाया कि वह जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) जैसे संगठनों का समर्थन करता है, जो भारत में कई आतंकी हमले करने के लिए जिम्मेदार हैं। हरीश ने कहा कि पाकिस्तान में 20 से अधिक संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकी संगठन सक्रिय हैं और पाकिस्तान अपने आप को आतंकवाद के खिलाफ लड़ने वाला देश बताता है, जो एक बड़ी विडंबना है।
पाकिस्तान का जम्मू-कश्मीर पर राग
भारत की यह प्रतिक्रिया पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मोहम्मद इशाक डार के बयान के बाद आई, जिसमें उन्होंने जम्मू-कश्मीर का मुद्दा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उठाया था। पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग करने की कोशिश की, जबकि भारत ने इसे स्पष्ट रूप से नकारते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर हमेशा से और हमेशा भारत का अभिन्न हिस्सा रहेगा। भारत ने इस मुद्दे पर पाकिस्तान को कड़ा जवाब देते हुए कहा कि आतंकवाद का कोई भी कारण या उद्देश्य स्वीकार्य नहीं हो सकता है। निर्दोष नागरिकों पर हमले को कभी भी जायज नहीं ठहराया जा सकता।
पाकिस्तान का आतंकवादियों का समर्थन
भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यह भी कहा कि पाकिस्तान आतंकवादियों को समर्थन देता है और सीमा पार से उन्हें भारतीय क्षेत्रों में हिंसा फैलाने के लिए प्रेरित करता है। हरीश ने विशेष रूप से जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों का नाम लिया, जिन्होंने भारत में कई आतंकी हमलों को अंजाम दिया। इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि पाकिस्तान में कई ऐसे आतंकवादी संगठन और व्यक्ति हैं जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अल-कायदा प्रतिबंध समिति की सूची में शामिल हैं। इन व्यक्तियों और संगठनों पर संपत्ति जब्त करने, हथियारों की आपूर्ति पर रोक लगाने और यात्रा प्रतिबंध लगाने का प्रावधान है, लेकिन पाकिस्तान उन्हें समर्थन देना जारी रखता है।
जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र का उत्सव
भारत ने जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुए चुनावों का हवाला देते हुए यह भी कहा कि वहां के लोग अपनी सरकार चुनने के लिए बड़ी संख्या में मतदान करने के लिए आए। भारत के स्थायी प्रतिनिधि ने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र मजबूत और जीवंत है, जबकि पाकिस्तान में ऐसा नहीं है। हरीश ने कहा कि पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्सों पर अवैध कब्जा किए हुए है और वहां के हालात खतरनाक और अस्थिर हैं।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत का संदेश
भारत ने यह भी स्पष्ट किया कि आतंकवाद के खिलाफ किसी भी तरह का भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को आतंकवाद के मामलों में ‘अच्छे’ और ‘बुरे’ आतंकवादियों के बीच अंतर नहीं करना चाहिए। भारत ने इस मुद्दे पर पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर बेनकाब किया और उसे यह संदेश दिया कि आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त कार्रवाई की आवश्यकता है, ताकि दुनिया भर में शांति स्थापित हो सके। भारत का यह बयान पाकिस्तान की आतंकवाद से जुड़ी गतिविधियों पर प्रहार करने के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान की नीतियों को उजागर करने के लिए महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ है। यह संदेश भारत की कड़ी प्रतिक्रिया और पाकिस्तान द्वारा आतंकवादियों को समर्थन देने की लगातार नीति के खिलाफ एक कड़ी चेतावनी है।