नई दिल्ली : पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फिर एक बार किरकिरी हुई। पाकिस्तान के राजदूत को अमेरिका में प्रवेश करने से रोक दिया गया। उन्हें एयरपोर्ट से ही वापस रवाना कर दिया गया। जबकि पाकिस्तानी राजदूत के पास पासपोर्ट, वीजा और अन्य वैध दस्तावेज थे। अमेरिका का यह कदम, पाकिस्तान के खिलाफ उसके कड़े रूख को दर्शाता है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इमिग्रेशन संबंधित फैसलों के बाद यह पहली बार है कि किसी पाकिस्तानी अधिकारी की अमेरिका में एंट्री रोक दी गई।
इमिग्रेशन संबंधित फैसले के बाद यह पहला कदम
पाकिस्तान के राजदूत को अमेरिका में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई। यह एक चौंकाने वाला कदम था। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहले ही इमीग्रेशन से संबंधित फैसलों में यह जाहिर कर दिया था कि वह पाकिस्तान सहित कुछ देशों के नागरिकों को सीमा में प्रवेश को रोकने जा रहे हैं। पाकिस्तानी राजदूत केके अहसान वगान के साथ यह रवैया अमेरिकी इमिग्रेशन अधिकारियों द्वारा अपनाया गया। पाकिस्तानी राजदूत को अमेरिका के एयरपोर्ट से वापस डिपोर्ट कर दिया गया।
वीजा होने के बावजूद नहीं मिली अमेरिका में एंट्री
पाकिस्तानी राजदूत अपने किसी निजी काम से अमेरिका के लॉस एंजेलिस जा रहे थे। पाकिस्तानी राजदूत को अमेरिका में एंट्री नहीं मिलने के पीछे चौंकाने वाली बात है, क्योंकि उनके पास वीजा सहित अन्य वैध दस्तावेज उपलब्ध थे। इसके बावजूद उन्हें वापस एयरपोर्ट से डिपोर्ट कर दिया गया। उन्हें अमेरिका में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई। अमेरिका के इस रवैये से यह साफ संकेत मिलता है कि अमेरिका इमीग्रेशन से संबंधित मामलों में सख्त कदम उठा रहा है। हालांकि अब यह देखना होगा कि अमेरिका के इस रवैये को लेकर, भविष्य में दोनों देशों के बीच कूटनीतिक रिश्ते कैसे रहते हैं।