Palamu (Jharkhand) : झारखंड के पलामू जिले के हुसैनाबाद में शनिवार की रात दाता पीर बख्श रहमतुल्लाह अलैह का सालाना उर्स बड़ी श्रद्धा और उल्लास के साथ संपन्न हुआ। इस अवसर पर दाता पीर बख्श के मजार पर हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोगों ने एक साथ मिलकर अपने क्षेत्र, राज्य और देश की सुख-शांति के लिए दुआएं मांगीं।
कव्वाली मुकाबले ने बांधा समां
इस खास मौके पर इब्राहिम सेठ के सौजन्य से एक शानदार कव्वाली मुकाबले का आयोजन किया गया, जिसने रात भर समां बांधे रखा। कार्यक्रम का उद्घाटन स्थानीय विधायक संजय कुमार सिंह यादव और इब्राहिम सेठ की धर्मपत्नी सायरा बानो ने संयुक्त रूप से किया।
इस अवसर पर विधायक संजय कुमार सिंह यादव ने कहा कि सूफी संतों की मजारें सांप्रदायिक सद्भाव का प्रतीक हैं, जहाँ सभी धर्मों के लोग बिना किसी भेदभाव के पहुंचते हैं और अपनी मन्नते मांगते हैं। उन्होंने कहा कि हमें भी सूफी फकीरों के आदर्शों को अपनाकर आपसी भेदभाव और द्वेष की भावना से ऊपर उठकर अपने क्षेत्र, राज्य और देश की खुशहाली के लिए काम करना चाहिए। विधायक ने आगे कहा कि कव्वाली का यह आनंद सभी जाति और धर्म के लोग एक साथ ले रहे हैं, जो भारत की वास्तविक एकता और विविधता को दर्शाता है। उन्होंने विश्वास जताया कि कुछ विघटनकारी तत्व इस एकता को तोड़ने की कोशिश कर सकते हैं, लेकिन वे कभी सफल नहीं होंगे।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में जिला परिषद उपाध्यक्ष आलोक कुमार सिंह और समाजसेवी शेर अली भी उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता एजाज हुसैन उर्फ छेदी खान ने की, जबकि मंच का संचालन राज अली ने बखूबी निभाया।
देशभक्ति और सूफियाना कलाम से गूंजी रात
कव्वाली मुकाबले में मशहूर कव्वाल बाबू गुलाम साबरी ने अपनी देशभक्ति से ओतप्रोत कव्वालियों से श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। वहीं, कव्वाला रौनक परवीन ने भी देशभक्ति और नातिया कलाम के साथ-साथ कुछ भोजपुरी प्रस्तुतियां देकर खूब वाहवाही लूटी। कार्यक्रम में उपस्थित श्रोता पूरी रात कव्वाल और कव्वाला के शानदार मुकाबले में खोए रहे और तालियों की गड़गड़ाहट से माहौल गुंजायमान रहा।
मजार पर हुई फातेहा और चादरपोशी
उर्स के दौरान दाता पीर बख्श की मजार पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने फातेहा पढ़ी और चादरपोशी की। इब्राहिम सेठ की ओर से पहली चादरपोशी की गई, जिसमें उनकी पत्नी सायरा बानो ने भी दाता पीर बख्श की मजार पर मुल्क में अमन और शांति की कामना की। कार्यक्रम के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए अनुमंडल पुलिस प्रशासन ने पुलिस पदाधिकारियों के साथ भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की थी, ताकि किसी भी अप्रिय घटना को टाला जा सके।