पलामू : पलामू जिला उपायुक्त (DC) समीरा एस ने मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल का चार घंटे लंबा निरीक्षण किया। यह अस्पताल पलामू प्रमंडल का सबसे बड़ा रेफरल हॉस्पिटल है, जिसे 2019 में मेडिकल कॉलेज में अपग्रेड किया गया था। निरीक्षण के दौरान कई गंभीर खामियों का खुलासा हुआ, जिनमें उपकरणों की दुर्दशा, भवन निर्माण की अनिश्चितता और स्वास्थ्य सेवाओं में असमानता प्रमुख हैं।
धूल फांक रही करोड़ों की मशीनें
निरीक्षण के दौरान मेडिकल कॉलेज के स्टोर रूम में करोड़ों रुपये की मशीनें अनुपयोगी हालत में धूल फांकती मिलीं। इन उपकरणों का उपयोग न किए जाने पर डीसी ने कड़ी नाराजगी जताई और अधिकारियों को इस पर तत्काल रिपोर्ट देने का निर्देश दिया।
ओपीडी और वार्ड जीएनएम कॉलेज में शिफ्ट, लेकिन व्यवस्था अधूरी
मेडिकल कॉलेज सह सदर अस्पताल के अधिकांश ओपीडी एवं वार्ड को जीएनएम कॉलेज भवन में शिफ्ट किया गया है। शिफ्टिंग से पहले कई पुराने भवन तोड़ दिए गए थे, लेकिन नए भवन के निर्माण या ले-आउट को लेकर कोई स्पष्ट योजना अथवा जवाबदेही मौजूद नहीं मिली। जब डीसी ने अधिकारियों से नए भवन के निर्माण के स्थान और विभागवार योजना के बारे में पूछा, तो कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दे सका।
स्वास्थ्य सेवाओं में समन्वय का अभाव
डीसी ने निरीक्षण के दौरान जब हेल्थ मैप योजना के तहत कार्यरत कर्मियों से अल्ट्रासाउंड सेवाओं के बारे में जानकारी मांगी, तो एक कर्मी ने सप्ताह में चार दिन, जबकि दूसरे ने तीन दिन सेवा देने की बात कही। इस विरोधाभास पर डीसी ने कड़ी फटकार लगाई और सेवा प्रणाली में पारदर्शिता और नियमितता लाने का निर्देश दिया। साथ ही सप्ताह में छह दिन अल्ट्रासाउंड सेवा देने का निर्देश भी दिया गया।
डीसी ने ओपीडी, पैथोलॉजी व मातृ-शिशु इकाई का भी लिया जायजा
निरीक्षण के दौरान मेडिसिन, एक्सरे, अल्ट्रासाउंड, दवा वितरण, नेत्र, सर्जरी, ऑर्थो, ईएनटी, चर्म, दंत रोग ओपीडी और पैथोलॉजी यूनिट का दौरा किया गया। इसके अलावा मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य इकाई (MCH यूनिट) का भी निरीक्षण किया गया, जहां एक गर्भवती महिला को ट्रॉली की सुविधा न मिलने पर डीसी ने संबंधित आउटसोर्सिंग एजेंसी और कर्मचारियों को फटकार लगाई।
पहली निरीक्षण यात्रा में सख्त निर्देश
डीसी समीरा एस ने बताया कि यह उनकी पहली निरीक्षण यात्रा थी और इसे नियमित दौरा (रूटिंग विजिट) बताया। निरीक्षण के बाद कई अनियमितताओं को चिन्हित करते हुए प्रशासनिक स्तर पर निर्देश जारी किए गए हैं। इस निरीक्षण में सिविल सर्जन डॉ. अनिल कुमार सिंह, सदर एसडीएम सुलोचना मीणा और मेडिकल कॉलेज के सुपरिंटेंडेंट भी उपस्थित रहे।