palamu (Jharkhand) : झारखंड के पलामू जिला में 251 बर्खास्त अनुसेवकों ने अपनी बहाली और समायोजन की मांग को लेकर दो दिवसीय आंदोलन की शुरुआत की है। बुधवार को समाहरणालय परिसर में अनुसेवकों ने धरना प्रदर्शन कर सरकार और जिला प्रशासन के प्रति नाराजगी जताई। इससे पूर्व सभी अनुसेवकों ने रैली निकालकर जोरदार प्रदर्शन किया और “समायोजन दो, न्याय दो” जैसे नारों से पूरा क्षेत्र गुंजता रहा।
आत्मदाह की चेतावनी, कहा-अब सहनशक्ति नहीं बची
प्रदर्शन कर रहे अनुसेवकों ने चेतावनी दी है कि अगर दो दिन के भीतर उनकी मांगों पर सरकार की ओर से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली, तो वे आत्मदाह जैसे कठोर कदम उठाने को मजबूर होंगे। उन्होंने कहा कि लंबे समय से आर्थिक और सामाजिक संकट झेल रहे हैं। बैंक से लिए गए कर्ज नहीं चुका पा रहे और घर की स्थिति भुखमरी जैसी बन चुकी है।
कोर्ट में पुनर्विचार याचिका की भी मांग
बर्खास्त 251 अनुसेवक संघ, पलामू जिला के बैनर तले यह आंदोलन किया गया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि उन्होंने कई बार झारखंड सरकार, मुख्य सचिव और उपायुक्त पलामू से अनुरोध किया कि सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की जाए और सभी बर्खास्त अनुसेवकों का समायोजन किया जाए। 16 जून को भी मांग पत्र सौंपा गया, लेकिन अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया, जिससे वे हताश हैं।
एक मार्च 2025 से एकमुश्त वेतन भुगतान की मांग
अनुसेवकों ने सरकार से मांग की है कि सभी 251 बर्खास्त अनुसेवकों को एक मार्च 2025 से समायोजित कर एकमुश्त बकाया वेतन का भुगतान किया जाए। उनका कहना है कि न्याय न मिलने की स्थिति में वे और भी उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
नेतृत्व व संबोधन
धरने का संचालन सुधाकर शुक्ला ने किया जबकि संबोधन में विकास कुमार, राकेश कुमार, रामाकांत सिंह, संजीव पांडेय सहित कई अनुसेवक शामिल रहे। सभी ने एक स्वर में चेतावनी दी कि सरकार की चुप्पी अब असहनीय हो चुकी है।