पलामू (झारखंड) : भारतीय खाद्य निगम (FCI) मेदिनीनगर में माल अनलोडिंग के दौरान एक दुर्घटना में मारे गए श्रमिक ईश्वरी यादव के परिजन आज भी पूरा मुआवजा पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। 29 दिसंबर 2023 को हुए हादसे के 16 महीने बीत जाने के बावजूद भी उन्हें घोषित 5 लाख रुपये में से सिर्फ 1 लाख रुपये ही मुआवजा मिला है।
क्या है मामला?
घटना एफसीआई गोदाम, गायत्री मंदिर रोड, सुदना कंपाउंड में हुई थी। माल उतारते समय एक तेज रफ्तार ट्रक की चपेट में आने से ईश्वरी यादव की मौके पर ही मौत हो गई थी। घटना के बाद काफी हंगामा हुआ, जिसके बाद एफसीआई अधिकारियों, ठेकेदार और श्रमिक संगठनों की बैठक में मृतक के परिवार को 5 लाख रुपये मुआवजा देने का निर्णय लिया गया। लेकिन आज तक केवल 1 लाख रुपये का भुगतान हुआ है, बाकी 4 लाख रुपये बकाया है।
मजदूर संघ की चेतावनी, 1 मई से बेमियादी धरना
मुआवजा भुगतान में देरी से आक्रोशित जनता मजदूर संघ और श्रमिकों ने एफसीआई के मंडल प्रबंधक शंभूनाथ मिश्र को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने कहा कि यदि 15 दिनों के अंदर मुआवजा भुगतान नहीं किया गया, तो 1 मई मजदूर दिवस से एफसीआई कार्यालय के समक्ष अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन शुरू किया जाएगा। इस दौान विवेक सिंह, मदन सिंह, विशाल कुमार राय और मृतक के पुत्र चंद्रदीप यादव उपस्थित थे।
मंडल प्रबंधक पर आरोप
जनता मजदूर संघ के पलामू प्रमंडलीय संयोजक राकेश कुमार सिंह ने कहा कि फरवरी 2025 में ही इस विषय पर ज्ञापन सौंपा गया था। तब मंडल प्रबंधक शंभूनाथ मिश्र ने भरोसा दिलाया था कि 31 मार्च 2025 तक शेष मुआवजा दे दिया जाएगा। लेकिन अब, पुनः आग्रह करने पर वे अपने वादे से मुकर गए हैं, जिससे श्रमिकों में भारी नाराजगी है।
परिवार के सामने संकट
मृतक के आश्रित पुत्र चंद्रदीप यादव का कहना है कि उनके परिवार के पास आजीविका का कोई स्थायी साधन नहीं है। मुआवजा ही उनके भविष्य का एकमात्र सहारा है। इतने महीनों तक इंतजार के बावजूद जब न्याय नहीं मिला, तो आंदोलन ही एकमात्र रास्ता बचा है।