Palamu (Jharkhand) : पलामू जिले के मेदिनीनगर सदर थाना क्षेत्र के पोखराहा खुर्द में एक दुखद घटना सामने आई है। यहां 11 हजार वोल्ट के हाई टेंशन तार की चपेट में आने से एक महिला की दर्दनाक मौत हो गई। महिला अपने चाचा के घर एक शादी समारोह में शामिल होने आई थी और रात को घर की छत पर सो रही थी।
नींद में काल का ग्रास बनी सलमा बीबी
सोमवार की सुबह जब लोग सोकर उठे तो नींद में होने के कारण महिला अचानक छत के ऊपर से गुजर रहे खतरनाक हाई वोल्टेज तार से सट गई। करंट इतना तेज था कि महिला की मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद परिजन उसे आनन-फानन में इलाज के लिए एमएमसीएच (Medinagar Medical College Hospital) लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृत महिला की पहचान सलमा बीबी (उम्र 35 वर्ष) के रूप में हुई है, जो मोहम्मद बरकत अंसारी की पत्नी थीं और पाटन थाना क्षेत्र के लोइगा सुठा की रहने वाली थीं। उनका मायका चैनपुर के सेमरा में स्थित है। सोमवार सुबह करीब 10 बजे शव का पोस्टमार्टम किया गया।
शादी की खुशियां मातम में बदलीं
जानकारी के अनुसार, पोखराहा खुर्द में आशिक अंसारी उर्फ नेजाम की बेटी की शादी थी। रविवार को बारात आई थी और सलमा बीबी भी इस खुशी के मौके पर शामिल होने आई थीं। शादी के बाद रात में करीब 40 से 50 लोग घर की छत पर सो रहे थे। अहले सुबह जब सलमा उठीं तो नींद के आगोश में वह समझ नहीं पाईं और दुर्घटनावश हाई टेंशन तार की चपेट में आ गईं। इस हृदयविदारक घटना में छत पर सो रहे अन्य लोग बाल-बाल बच गए।
बिजली विभाग पर लापरवाही का आरोप
मृतका के चाचा आशिक अंसारी उर्फ नेजाम ने बताया कि उनके घर की छत के ठीक ऊपर से 11000 वोल्ट का खतरनाक हाई टेंशन तार गुजरा हुआ है। उन्होंने बताया कि इस तार को हटाने के लिए बिजली विभाग से सात से आठ बार लिखित आवेदन देकर गुहार लगाई गई, लेकिन हर बार उनकी просьби को अनसुना कर दिया गया और उनके आवेदन को फाड़ दिया जाता था। उन्होंने आरोप लगाया कि बिजली विभाग के कर्मचारियों द्वारा इस काम के लिए एक से डेढ़ लाख रुपये की मांग की जाती थी। आशिक अंसारी ने बिजली विभाग की घोर लापरवाही को इस दुखद घटना का जिम्मेदार ठहराया है और उन्होंने पीड़ित परिवार के लिए उचित मुआवजे की मांग की है।
सुरक्षा के इंतजाम भी काम नहीं आए
स्थानीय सूत्रों से यह भी जानकारी मिली है कि आशिक अंसारी ने अपनी छत से गुजर रहे 11000 वोल्ट के तार से बचाव के लिए अपने स्तर पर कुछ सुरक्षा उपाय किए थे, लेकिन दुर्भाग्य से वे उपाय इस हादसे को रोकने में पूरी तरह से कारगर साबित नहीं हुए। इस घटना ने एक बार फिर बिजली विभाग की लापरवाही और सुरक्षा मानकों की अनदेखी को उजागर कर दिया है।