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Jharkhand Naxal : मुठभेड़ में मारे गये नक्सली कमांडर के पास से एसएलआर, 115 गोलियां, ऑटोमेटिक पिस्टल बरामद

तुलसी भुइंया के दस्ते और पुलिस के बीच करीब 12 घंटे तक चली मुठभेड़ में दोनों पक्षों से 300 से अधिक राउंड गोलियां चलीं।

by Rakesh Pandey
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पलामू: जिले के पांडू और हुसैनाबाद सीमा पर 26 मई को हुई भीषण मुठभेड़ में माओवादी कमांडर तुलसी भुइंया मारा गया। मुठभेड़ स्थल से पुलिस को तुलसी भुइंया के शव के पास से एक सेल्फ लोडिंग रायफल (एसएलआर), 115 गोलियां, एक 7.65 एमएम का ऑटोमेटिक पिस्टल और एक देसी कट्टा बरामद हुआ है।

एसएलआर और हथियारों की पुलिस ने शुरू की जांच

पुलिस ने बरामद एसएलआर की संख्या और हथियार की जांच शुरू कर दी है। यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि नक्सलियों के पास यह हथियार और गोली कहां से आई। पुलिस झारखंड, बिहार और छत्तीसगढ़ की सुरक्षा एजेंसियों के साथ संपर्क में है ताकि हथियार की असली स्रोत का पता लगाया जा सके।

मुठभेड़ की जानकारी

पलामू पुलिस अधीक्षक रीष्मा रमेशन के अनुसार, तुलसी भुइंया के दस्ते और पुलिस के बीच करीब 12 घंटे तक चली मुठभेड़ में दोनों पक्षों से 300 से अधिक राउंड गोलियां चलीं। इस दौरान नक्सली कमांडर तुलसी भुइंया मारा गया। पुलिस ने मुठभेड़ के स्थल से भारी मात्रा में गोलियों के खोखे भी जब्त किए हैं।

सेल्फ लोडिंग रायफल (एसएलआर) क्या है?

एसएलआर एक ऑटोमेटिक हथियार है जो फायरिंग के बाद खुद ही अगली गोली लोड कर लेता है। यह 1990 के दशक से भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा इस्तेमाल किया जाता रहा है। नक्सल प्रभावित इलाकों में केंद्रीय सुरक्षा बल और पुलिस इस हथियार का नक्सलियों के खिलाफ अभियान में व्यापक उपयोग करते हैं।

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