पलामू : झारखंड के पलामू जिले के पांकी थाना क्षेत्र में एक निजी क्लिनिक में जच्चा-बच्चा की मौत के बाद आक्रोशित परिजनों ने जमकर हंगामा किया। घटना लोहरसी रोड स्थित किरण सिंह के निजी हॉस्पिटल की है, जहां ममता देवी और नवजात की ऑपरेशन के दौरान मौत हो गई। मृतका के परिजनों ने आरोप लगाया है कि ऑपरेशन लापरवाही और नशे की हालत में किया गया, जिससे दोनों की जान चली गई।
निजी अस्पताल में हुआ ऑपरेशन, ऑपरेशन के बाद हुआ अधिक रक्तस्राव
प्राप्त जानकारी के अनुसार, कोनवाई निवासी ममता देवी (पति सोनू सिंह) को प्रसव पीड़ा के बाद मेदिनीनगर में जांच कराई गई थी। इसके बाद उन्हें पांकी के निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया। बुधवार देर रात ऑपरेशन के दौरान अत्यधिक रक्तस्राव होने के कारण महिला और नवजात की मौत हो गई।
परिजनों का आरोप: डॉक्टर नशे में थे, जबरन किया ऑपरेशन
मृतका के पति सोनू सिंह ने बताया कि अस्पताल ने नॉर्मल डिलीवरी का भरोसा दिया था। लेकिन रात में हालत बिगड़ने पर रेफर करने की जगह जबरन ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन के बाद रक्तस्राव बंद नहीं हुआ, जिससे पत्नी और बच्चा दोनों की मौत हो गई।
ममता देवी के चाचा सुरेंद्र सिंह ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि डॉ. अखिलेश यादव और अस्पताल कर्मी नशे में थे और उन्होंने शराब के नशे में ऑपरेशन किया। परिजनों ने डॉक्टरों को एक कमरे में बंद कर बंधक भी बना लिया।
FIR के लिए दिया आवेदन, जांच में जुटी पुलिस
पांकी थाने की पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रण में लिया। थाना प्रभारी राजेश रंजन ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए एमएमसीएच भेजा गया है और पूरे मामले की जांच शुरू कर दी गई है। परिजनों की ओर से FIR के लिए आवेदन दिया गया है, जिसमें लापरवाही, नशे में ऑपरेशन और जानबूझकर रेफर न करने जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं।
चिकित्सा विभाग ने की पुष्टि, पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद होगी कार्रवाई
पांकी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. महेंद्र प्रसाद ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। पलामू के सिविल सर्जन डॉ. अनिल कुमार श्रीवास्तव ने भी कहा कि उन्हें घटना की जानकारी मिली है और विभागीय जांच की जा रही है।
मामले ने उठाए निजी नर्सिंग होम की निगरानी पर सवाल
यह घटना एक बार फिर झारखंड में निजी नर्सिंग होम की निगरानी और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर सवाल खड़े करती है। परिजनों का आरोप है कि न कोई उचित मेडिकल इमरजेंसी प्रोटोकॉल था और न ही कोई विशेषज्ञ मौजूद था।
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